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असम्पशन नेवल बेस पर बनी भारत और सेशेल्स में सहमति, 6 समझौतों पर हस्ताक्षर

असम्पशन आईलैंड परियोजना पर एक-दूसरे के हितों के आधार पर काम करने की सहमति बन गई है।

Updated on: 25 Jun 2018, 11:39 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे के बीच असम्पशन आईलैंड परियोजना पर एक-दूसरे के हितों के आधार पर काम करने की सहमति बन गई है।

सेशेल्स को प्रतिरक्षा क्षमताओं और समुद्री बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए मोदी ने 10 करोड़ डॉलर का कर्ज देने करने की घोषणा की। जिस पर फॉरे ने कहा कि इस ऋण से सेशेल्स समुद्री क्षमता का निर्माण करने के लिए भारत से रक्षा उपकरण खरीद सकता है।

हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त प्रेसवार्ता में मोदी ने कहा, 'असम्पशन आईलैंड के मसले हम साथ मिलकर एक-दूसरे के हितों के आधार पर काम करने को तैयार हैं।'

गौरतलब है कि अगर सेशेल्स के द्वीप पर नेवल बेस विकसित किया जाता तो हिंद महासागर में इसका भारत को रणनीतिक तौर पर फायदा मिलता। सेशेल्स और भारत के बीच इसके लिए साल 2015 में समझौता हुआ था।

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हालांकि सेशेल्स में विपक्षी पार्टियां इसका जबरदस्त विरोध कर रही हैं।

मोदी के साथ मुलाकात के बाद फॉरे ने कहा, 'समुद्री सुरक्षा के संदर्भ में असम्पशन आईलैंड पर बातचीत हुई। हम समान रूप से इसमें शामिल हैं और एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हुए आगे भी साथ मिलकर काम करते रहेंगे।'

फौरे के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच संस्कृति, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, संरक्षा व सहयोग, कूटनीति और बुनियादी ढांचा विकास के क्षेत्रों में छह नए समझौते हुए।

अहमदाबाद और गोवा के दौरे के बाद फॉरे रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। उनकी आगवानी विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने की थी। फॉरे अपनी छह दिवसीय आधिकारिक दौरे पर शुक्रवार को गुजरात पहुंचे थे। वह शनिवार को साबरमती आश्रम गये थे, जहां महात्मा गांधी 1917 और 1930 के बीच रहे थे।

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