logo-image

कश्मीर से लेकर हिमाचल तक कुदरत का कहर जारी, शिमला में टूटा 117 सालों का रिकॉर्ड, 18 लोगों की मौत

देश के अलग-अलग राज्यों में कुदरत का कहर जारी है। आसमान से बरस रही आफत ने घाटी की सूरत को बदल कर रख दिया है।

Updated on: 14 Aug 2018, 01:22 PM

नई दिल्ली:

देश के अलग-अलग राज्यों में कुदरत का कहर जारी है। आसमान से बरस रही आफत ने घाटी की सूरत को बदल कर रख दिया है। रामबन और उधमपुर जिलों में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलनों की वजह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को बंद कर दिया है। भूस्लखन के दौरान बड़े पत्थर ढहने के बाद रास्ते को फ़िलहाल बंद कर दिया गया है। राजमार्ग के कई क्षेत्रों में अभी भी भारी बारिश हो रही है। बीते 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्लखन में 16 लोगों की मौत हो गई। पहाड़ों की रानी कहे जाने वाली शिमला में 117 सालों से इतनी भारी बारिश नहीं हुई है।

सोमवार को सोलन जिले के परवानू में बाढ़ के चलते उफनती नदी कौशल्या में एक युवक बह गया। रातभर हुई भारी बारिश के बाद अंदरूनी इलाकों में ज्यादातर सड़कें परिवहन के लिए बंद हैं, जिसके चलते सैकड़ों यात्री फंस गए। मंडी जिले के नेहरी में पिछले 24 घंटों में 235 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि पालमपुर में 212 मिलीमीटर बारिश हुई। राजधानी शिमला में 172 मिलीमीटर, धर्मशाला में 142 मिलीमीटर, कसौली में 98 मिलीमीटर, सोलन में 94 मिलीमीटर और डलहौजी में 57 मिलीमीटर बारिश हुई।

और पढ़ें: चरम पर मॉनसून, उफान पर नदियां, कई राज्यों में मौसम विभाग का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में मंगलवार तक राज्यभर में भारी बारिश होने की बात कही है। हिमचाल में सबसे ज्यादा बारिश सिरमौर जिले के पाओंटा साहिब में हुई। यहां 239 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि हमीरपुर जिले के सुजानपुर टीहरा में 238 मिलीमीटर बारिश हुई। राज्य में भारी बारिश के कारण जान-माल का नुकसान हुआ है। कई पुल बह गए और पहाड़ लोगों पर कहर बन कर टूटे। उत्तराखंड का बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बारिश के बाद बंद कर दिया गया है।