SC/ST एक्ट पर सरकार के खिलाफ हुए सहयोगी दल, LJP के बाद आरएलएसपी ने भी खोला मोर्चा, NGT चेयरमैन की नियुक्ति को बताया गलत
केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।
कुशवाहा ने कहा कि हम लोगों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सरकार एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा, 'इससे लोगों में गलत संदेश जाएगा।'
We are assuring people that we won't let them suffer because of Justice Goyal's decision (on SC/ST Act), but his appointment as NGT chairman has sent a very wrong message. I support the demand of his removal from the post of NGT chairman: Union Minister Upendra Kushwaha pic.twitter.com/OH2OBAusEe
— ANI (@ANI) July 29, 2018
एनजीटी अध्यक्ष की नियुक्ति पर रामदास अठावले भी उठा चुके हैं सवाल
इससे पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने भी एके गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करते हुए अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था कि जस्टिस गोयल ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर गलत फैसला दिया है। उन्होंने दलितों की भावनाओं आहत किया है।
और पढ़ें: मोदी के मंत्री अठावले ने जस्टिस गोयल को NGT अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की
एससी/एसटी पर चिराग पासवान भी सरकार को दे चुके हैं चेतावनी
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एससी/एसटी बिल में संशोधन की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने सरकार से अध्यादेश लाकर इस बिल में बदलाव करने की मांग की थी।
इतनी ही नहीं मांगे पूरी करने के लिए चिराग ने सरकार को 9 अगस्त तक का अल्टीमेटम भी दिया है।
चिराग ने कहा था, 'हम चाहते हैं कि केंद्र एससी/एसटी पर अध्यादेश लाए। लेकिन यह अब तक नहीं किया जा सका है। इसलिए हमने केंद्र को 7 अगस्त को बिल को फिर से पेश करने और पिछले कानून को फिर से बहाल करने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है तो 9 अगस्त से दलितों का प्रदर्शन होगा, जो 2 अप्रैल के विरोध-प्रदर्शन से भी ज्यादा तेज होगा।'
SC/ST एक्ट पर क्या है मामला?
गौरतलब है कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के बेंच की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस गोयल ने एससी/एसटी एक्ट के तहत दायर केस में तुरंत आरोपी की गिरफ्तारी से रोक लगा दिया था। जांच के बाद कोई भी कदम उठाने की बात कही गई थी।
इस फैसले का कई पार्टियों के नेताओं और दलित संगठनों ने विरोध किया था। दलितों ने इसके विरोध में भारी विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस गोयल को 6 जुलाई को अगले पांच सालों के लिए एनजीटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
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