आधार कार्ड की सुरक्षा पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में UIDAI देगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कोर्ट ने पूछा, अगर सिर्फ भारतीय नागरिक की पहचान के लिए ही आधार कार्ड की जरूरत थी तो फिर नागरिकों की निजी जानकारी को केंद्रीकृत जगह पर इकट्ठा क्यों किया गया।
नई दिल्ली:
आधार कार्ड की संवैधानिक वैद्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कोर्ट ने पूछा, अगर सिर्फ भारतीय नागरिक की पहचान के लिए ही आधार कार्ड की जरूरत थी तो फिर नागरिकों की निजी जानकारी को केंद्रीकृत जगह पर इकट्ठा क्यों किया गया।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले के के वेणुगोपाल ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा से जुड़े सभी सवालों का जवाब आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे देंगे।'
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में आधार कार्ड वैद्यता की सुनवाई कर रहे बेंच के सामने UIDAI के सीईओ गुरुवार को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन देंगे।
जस्टिस ए के सीकरी, ए एम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण की खंडपीठ ने अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल को वर्ड फॉर्मेट में प्रजेंटेशन की विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसी के बाद किसी तरह का फैसला लिया जाएगा।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील वेणुगोपाल से सिंगापुर का उदाहरण देते हुए पूछा, 'वहां भी हर नागरिक के पास चिप आधारित पहचान पत्र है लेकिन सरकार या किसी सरकारी संस्था के पास तो लोगों की निजी जानकारी एकत्रित नहीं है।'
इस सवाल के जवाब में अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, 'ऐसे सभी सवालों का जवाब गुरुवार को UIDAI के सीईओ अपने प्रजेंटेशन में देंगे। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरीके से आधार कार्ड के डाटा को एकत्रित नहीं किया जा सकता है।'
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20 दिन से लगातार आधार कार्ड पर चल रही सुनवाई पर केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे वेणुगोपाल ने जजों से कहा, 'सीईओ जो पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन कोर्ट को देंगे उससे आधार कार्ड की तकनीक को लेकर सभी आशंकाएं खत्म हो जाएंगी।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा, आप अपनी दलील तर्क सहित कोर्ट में जमा कराएं जिसके बाद हम इसपर विचार करेंगे कि आधार कार्ड से नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।
हालांकि आधार कार्ड के खिलाफ याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में आधार कार्ड को लेकर गोपनीयता, गरिमा, निगरानी, निजी जानकारी का एकत्रीकरण, प्रत्याशित अपराधी, असंवैधानिक परिस्थितियों, कानून की अनुपस्थिति और सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों को उठाया।
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