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कठुआ गैंगरेप में सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा पेशी से वकील को कोई नहीं रोक सकता

कठुआ गैंगरेप मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने से वकीलों के रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी किसी वकील को पीड़ित या आरोपी के लिए पेश होने से नहीं रोक सकता है।

Updated on: 13 Apr 2018, 04:24 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है।

कठुआ गैंगरेप मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने से वकीलों के रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी किसी वकील को पीड़ित या आरोपी के लिए पेश होने से नहीं रोक सकता है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, बार काउंसिल ऑफ जम्मू एंड कश्मीर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, अगर कोई वकील किसी मुवक्किल का केस स्वीकार करता है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वो कोर्ट में उसके लिए पेश हो।

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उन्होंने कहा, अगर ऐसा नहीं होता है या वकील को पेश होने से रोका जाता है तो इसे कानून प्रक्रिया में बाधा पहुंचाना माना जाएगा।

इसका साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कानून में यह साफ है कि कोई भी वकील या एसोसिएशन किसी भी वकील को केस में पीड़ित या आरोपी की तरफ से पेश होने से नहीं रोक सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।

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