किसानों की आत्महत्या पर SC में सरकार का आश्वासन, एक साल में बदल देंगे तस्वीर
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील से सहमत दिखा जिसमें कहा गया था कि किसानों की आत्महत्या रातों रात नहीं रुक सकती।
highlights
- किसानों की आत्महत्या से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना केंद्र सरकार का आश्वासन
- कोर्ट ने सरकार की इस दलील को मान लिया कि किसानों की आत्महत्या से जुड़े मामले का रोतों रात समाधान नहीं किया जा सकता
नई दिल्ली:
किसानों की आत्महत्या से जुड़े एक मामले में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अाश्वासन पर भरोसा दिखाया है। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को मान लिया कि खुदकुशी के मामले का समाधान एक झटके में नहीं निकाला जा सकता।
कोर्ट ने कहा, 'किसानों के लिए सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन आत्महत्या के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।' केंद्र सरकार ने फसल बीमा समेत अन्य योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने लिए एक साल का समय मांगा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया।
सुनवाई के दौरान पीआईएल दाखिल करने वाली एनजीओ ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा, 'हम लोग चाहते हैं कि सरकार की योजनाएं कागजों से उठकर जमीन पर लागू की जाए।' कोर्ट ने सरकार को एनजीओ के वकील और याचिकाकर्ता सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजालवेज के सुझाव पर विचार करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई अब 6 महीने बाद होगी।
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि सरकार की योजनाओं में देश के 40 फीसदी किसान आते हैं और अगले साल तक इस दायरे को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के कुल 12 करोड़ किसान में से करीब 5.34 करोड़ किसान सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हैं।
वेणुगोपाल ने बताया कि सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। केंद्र प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कम प्रीमियम पर किसानों को उनकी फसल के लिए कवर मुहैया करा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने निजी बीमा कंपनियों को सरकार ने 13,500 करोड़ रुपये दिए हैं लेकिन अभी तक इस फंड का इस्तेमाल नहीं हो पाया है।
इसे भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में 22 दिन में 38 किसानों ने की आत्महत्या, दिल्ली में प्रदर्शन
खेती की खराब हालत और कर्ज माफी को लेकर देश भर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में पिछले 25 दिनों में 38 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है आत्महत्या करने वाले किसान कर्ज से दबे हुए थे।
इसे भी पढ़ेंः कांग्रेस ने शिवराज पर कसा तंज, जिला सीहोर में सबसे ज्यादा किसानों ने की आत्महत्याएं
उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का ऐलान कर दिया है। राज्य सरकार के इस फैसले से वहां के किसानोंं को काफी राहत मिली है वहीं दूसरे राज्यों में सरकार पर कर्ज माफी का दबाव बढ़ गया है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें