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समझौता ब्‍लास्‍ट केस में असीमानंद समेत चारों आरोपियों के बरी होने पर भड़का पाकिस्‍तान

समझौता एक्सप्रेस में फरवरी 2007 में हुए विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सभी 4 आरोपियों के बरी होने पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध जताया है.

Updated on: 21 Mar 2019, 07:00 AM

नई दिल्‍ली:

समझौता एक्सप्रेस में फरवरी 2007 में हुए विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सभी 4 आरोपियों के बरी होने पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध जताया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पंचकूला विशेष अदालत ने बुधवार को चारो अभियुक्‍तों को दोषमुक्‍त कर दिया था.इस धमाके में 70 लोगों की मौत हुई थी. पुलिस ने 37 शवों की पहचान की थी जिसमें 30 लोग पाकिस्तानी थे.NIA की अदालत ने जनवरी 2014 में असीमानंद, कमल चौहान, राजिंदर चौधरी और लोकेश शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए थे, इन सभी पर हत्या, देशद्रोह, हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश के आरोप थे.

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पाकिस्तान की इमरान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर आरोपियों को बरी करने पर आपत्ति जताई. भारत ने भी इसक कड़ा जवाब देते हुए साफ किया कि हमारी न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी है. सभी सबूतों और गवाहों के मद्देनजर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इस मामले में पाकिस्तान खुद नहीं सहयोग कर रहा था. भारत ने कई बार गवाहों को समन भेजा पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने उसे वापस भेज दिया था.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के हाई कमिश्नर के खिलाफ इस मामले को विरोधस्वरूप उठाया गया और समझौता ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों के रिहा होने पर कड़ी आपत्ति जताई गई है.

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट से जुड़ी 10 बड़ी बातें

1. 19 फरवरी 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान जा रही समझौता एक्सप्रेस में हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग इलाके में ट्रेन में विस्फोट हुआ था

2.ट्रेन में ब्लास्ट होने से करीब 68 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे

3.पुलिस ने 37 शवों की पहचान की थी जिसमें 30 लोग पाकिस्तानी थे

4.मरने वालों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी लोग शामिल थे. जांच के दौरान ट्रेन में विस्फोटक भी बरामद हुए थे

5.मामले की जांच पहले हरियाणा पुलिस और जीआरपी ने मिलकर की थी लेकिन जांच में सफलता नहीं मिलने के बाद साल 2011 में केस एनआईए को सौंप दी गई थी

6.समझौता ब्लास्ट केस में एनआईए ने असीमानंद समेत दो लोगों को धमाके का मुख्य आरोपी बनाया था जिसमें एक आरोपी सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है

7.असीमानंद पर अजमेर शरीफ, हैदराबाद के मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव में धमाके में शामिल होने के आरोप में सीबीआई ने उन्हें 19 नवंबर 2010 को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था

8.समझौता ब्लास्ट केस में कुल 299 गवाह हैं, जिनमें 8 पाकिस्तान भी शामिल हैं. अभी तक केस में 174 लोगों की गवाही ली जा चुकी है.

9.समझौता ब्लास्ट पाकिस्तान के तात्कालिक विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के भारत दौर से ठीक एक दिन पहले हुआ था

10.इस मामले में अबतक 17 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं.