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बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल एनडीए की बैठक में नहीं हुई शामिल

देश में किसानों के लिए पैकेज की मांग और गुरुद्वारा प्रबंधन में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण अकाली दल सरकार से नाराज चल रही है.

Updated on: 31 Jan 2019, 09:24 PM

नई दिल्ली:

केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बजट से पहले हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में शामिल नहीं हुई. देश में किसानों के लिए पैकेज की मांग और गुरुद्वारा प्रबंधन में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण पार्टी नाराज चल रही है. अकाली दल के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता नरेश गुजराल ने कहा कि पार्टी एनडीए नेताओं के बैठक में शामिल होना चाहती थी लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधन में आरएसएस के हस्तक्षेप के मुद्दे पर हमने नहीं शामिल होने का फैसला किया.

गुजराल ने कहा, 'नांदेड़ में हाजुर साहिब में जो कुछ हो रहा है उससे हम काफी ज्यादा निराश हैं. आरएसएस को सिखों से जुड़े धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हम किसानों के लिए पैकेज की भी मांग कर रहे हैं.'

अकाली दल के नेता एमएस सिरसा ने कहा, 'गुरुद्वारों मामलों में खासकर हजूर साहिब और नांदेड़ साहिब चुनावों के दौरान सरकारी प्रधान भेजने और बीजेपी सरकार के लगातार हस्तक्षेप का मैं विरोध करता हूं. हम इसका समाधान चाहते हैं, भारत और विश्व में इस मुद्दे को लेकर सिखों के बीच काफी ज्यादा नाराजगी है.'

वहीं अकाली दल के एक और सांसद प्रेम सिंह चंदुमाजरा ने कहा कि यह महज एक इत्तेफाक था कि एक ही समय में मुझे दूसरे कार्यक्रम में जाना था लेकिन हां, कुछ मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाना जरूरी है और मुझे विश्वास है कि वे आपसी तरीके से ठीक हो जाएंगे.

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वहीं जब बीजेपी की सहयोगी की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर पूछा गया तो केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, उन्होंने (प्रेम चंदुमाजरा) सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया और कुछ काम की वजह से उन्हें निकलना पड़ा. उन्होंने मुझे सूचित किया और उसके बाद गए.

बता दें कि महाराष्ट्र के नांदेड़ में गुरुद्वारा तख्त हजुर साहिब के बोर्ड में बीजेपी द्वारा कथित रूप से अपने लोगों को नियुक्त किए जाने के कदम से अकाली दल नाराज चल रही है.