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सबरीमाला विवाद : 'ये सेक्स टूरिज्म की जगह नहीं, भगवान अयप्पा का निवास स्थान है'

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.

Updated on: 19 Oct 2018, 04:02 PM

नई दिल्ली:

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. तीसरे दिन भी महिलाओं को भगवान अयप्पा के दर्शन नहीं करने दिया जा रहा है. इस बीच त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट ने बेहद ही विवाद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह एजेंडा चलाया जा रहा है. इसमें पुलिस भी शामिल है. यह सेक्स टूरिज्म की जगह नहीं है. यह भगवान अयप्पा का निवास स्थान है.

इधर, मंदिर में प्रवेश का प्रयास करने वाली महिला ऐक्टिविस्ट रेहाना फातिमा के घर पर शुक्रवार को कुछ लोगों ने तोड़फोड़ भी की है. जिसके बाद रेहाना फातिमा ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मेरे बच्चों का क्या हुआ. मेरी जिंदगी भी खतरे में है लेकिन पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया है. इसलिए मैं वापस जा रही हूं.

वहीं, दो महिला पत्रकार सुरक्षाबलों के साथ मंदिर में प्रवेश करने के रास्ते की ओर बढ़ रही थी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें हेलमेट, जैकेट आदि सब पहनाये गए. टीवी चैनल की पत्रकार कविता जक्कल भारी सुरक्षा के साथ पंबा से सन्निधनं से आगे बढ़ी, लेकिन उन्हे बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा.

इस मामले पर आईजी ने कहा, हम दोनों महिलाओं को मंदिर के परिसर तक ले गए थे लेकिन तांत्री और पुजारी ने उनके लिए मंदिर खोलने से इंकार कर दिया. इंतज़ार करते वक़्त तांत्री ने हमे सूचित किया कि अगर हमने महिलाओं को आगे लाने की कोशिश की तो वे मंदिर बंद कर देंगे.'

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उन्होंने आगे कहा, 'यह एक अनुष्ठान आपदा है. हम उन्हें मंदिर ले गए और सुरक्षा दी लेकिन 'दर्शन' पुजारी की सहमति से किया जा सकता है. हम उन्हें सुरक्षा देने के लिए तैयार है'
मंदिर के पुजारी ने कहा, 'हमने मंदिर को बंद करने का फैसला किया है. हम भक्तों के साथ खड़े हैं. मेरे पास कोई और विकल्प नहीं.'

इस्पेक्टर जनरल एस श्रीजीत ने कहा, 'सबरीमाला मंदिर में पुलिस कुछ नहीं करेगी. हम भक्तों के साथ कुछ दिक्कत नहीं चाहते. हम कानून का पालन कर रहे हैं. मैं उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा कर स्थिति पर उन्हें संक्षिप्त करूंगा.'

सूत्रों के मुताबिक, मंदिर का तांत्री परिवार और पांडलम शाही परिवार के सदस्य महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने के लिए मंदिरको बंद करने पर विचार कर रहे हैं.

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