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राहुल गांधी की लगातार दखलंदाजी के कारण यूपीए कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ी : एस एम कृष्णा

एस एम कृष्णा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने कैबिनेट और सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं था क्योंकि सभी चीजें राहुल गांधी के द्वारा नियंत्रित की जा रही थी

Updated on: 10 Feb 2019, 10:46 AM

बेंगलुरू:

मनमोहन सरकार के दौरान विदेश मंत्री रहे और वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता एस एम कृष्णा ने कहा है कि राहुल गांधी के लगातार दखलंदाजी के कारण उन्हें यूपीए कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी छोड़ना पड़ा था. उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हस्तक्षेप किया करते थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने कैबिनेट और सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं था क्योंकि सभी चीजें राहुल गांधी के द्वारा नियंत्रित की जा रही थी, जो एक अतिरिक्त संवैधानिक संस्था के रूप में काम कर रहे थे. बता दें कि कृष्णा साल 2009-12 के बीच विदेश मंत्री रहे थे.

बीजेपी नेता ने शनिवार को राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने (राहुल) उन्हें पार्टी छोड़ने को मजबूर किया. उन्होंने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि राहुल गांधी का हस्तक्षेप बर्दाश्त से बाहर हो चुका था.

कर्नाटक के मद्दुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, 'जब मैं विदेश मंत्री था, पार्टी (कांग्रेस) में घुटन जैसा माहौल था. मैं विदेश मंत्रालय का कार्यभार साढ़े तीन साल से संभाल रहा था लेकिन राहुल ने एक आदेश जारी किया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति को मंत्रालय का पद नहीं संभालना चाहिए. मैंने हताश होकर इस्तीफा दे दिया था.'

उन्होंने कहा, '10 साल पहले राहुल गांधी एक सांसद थे और पार्टी में किसी पद पर नहीं थे, लेकिन वे सभी मामलों में दखलांदाजी करते थे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे लेकिन कई मामलों को उनके पास लाये बिना तय किए जाते थे. कांग्रेस का सहयोगी दलों पर कोई नियंत्रण नहीं है.'

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उन्होंने यह भी कहा, 'यूपीए-2 के कार्यकाल में देश में सभी बड़े घोटाले जैसे 2जी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ और कोयला घोटाला हुए थे. ऐसी स्थिति तभी पैदा होती है जब देश में कोई योग्य नेतृत्व नहीं होती है.'

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री रहे वरिष्ठ नेता ने कहा, '2009-14 के दौरान जब मैं यूपीए सरकार में सत्ता में था, उस वक्त हुए हुए सभी अच्छी-बुरी चीजों के लिए मैं बराबरी का जिम्मेदार हूं.' गौरतलब है कि एस एम कृष्णा ने अप्रैल 2017 में बीजेपी की सदस्यता ली थी.