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रूस: दो समुद्री जहाजों में लगी आग, 11 मृतकों में से 7 भारतीय

क्रीमिया को रूस से अलग करने वाले समुद्री इलाके केर्च में दो पोतों में आग लग गई. इन पोतों में भारतीय, तुर्की और लीबिया के चालक दल सवार थे.

Updated on: 22 Jan 2019, 04:48 PM

नई दिल्ली:

क्रीमिया को रूस से अलग करने वाले समुद्री इलाके केर्च में दो पोतों में आग लग गई. इन पोतों में भारतीय, तुर्की और लीबिया के चालक दल सवार थे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक आग लगने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है. जिनमें 7 भारतीय थे. इन दोनों पोतों में करीब 15 भारतीय सवार थे. मरने वालों में 7 भारतीय हैं. ऐसे में भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार रूसी एजेंसी से जानकारी हासिल कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि वे रूसी एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि मॉस्को में हमारा दूतावास संबंधित एजेंसियों के संपर्क में है, जिनसे इस हादसे में भारतीयों को पहुंचे नुकसान के बारे में जानकारी ली जा रही है.

खबरों के मुताबिक, आग रूसी सीमा के जलक्षेत्र के पास सोमवार को लगी थी. दोनों पोतों पर तंजानिया के ध्वज लहरा रहे थे. इनमें से एक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (लिक्विड नेचुरल गैस) लेकर जा रहा था, जबकि दूसरा टैंकर था. खबर है कि गैस ट्रांसफर करने के दौरान यह हादसा हुआ.

रूसी संवाद एजेंसी तास ने समुद्री अधिकारियों के हवाले से बताया कि इनमें से एक पोत कैंडी में चालक दल के 17 सदस्य मौजूद थे. इनमें नौ तुर्की के नागरिक और 8 भारतीय थे. दूसरे पोत माइस्ट्रो में तुर्की के 7 नागरिकों के साथ ही 7 भारतीय नागरिकों और लीबिया के एक इंटर्न सहित चालक दल के 15 सदस्य सवार थे.

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रूसी टेलिविजन चैनल आरटी न्यूज ने रूसी समुद्री एजेंसी के हवाले से बताया कि इस हादसे में कम से कम 11 नाविकों की मौत हुई है. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि माना जा रहा है कि एक पोत में विस्फोट हुआ, फिर यह आग दूसरे पोत तक फैल गई. बचाव नौका पहुंचाई जा रही है. प्रवक्ता ने बताया कि करीब तीन दर्जन नाविक नाव से कूद कर बच निकल पाने में कामयाब हुए. अब तक 12 लोगों को समुद्र से निकाला जा चुका है. 9 नाविक अब भी लापता बताए जा रहे हैं.

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समुद्र में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे राहत और बचाव दल को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. दल के सामने सबसे बड़ी मुसीबत खराब मौसम बना हुआ है. एजेंसियों की तरफ से जानकारी दी गई है कि समुद्र में मौसम सामान्य नहीं है, जिसके चलते पीड़ितों को मेडिकल इलाज के लिए नहीं ले जाया जा सका है.