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RTI के इस्तेमाल में गिरी भारत की रैंकिंग, चौथे से छठे स्थान पर पहुंचा

सूचना का अधिकार (RTI) कानून में दूसरे देशों के मुकाबले भारत लगातार पिछड़ रहा है। 123 देशों में सूचना का अधिकार कानून के तहत लोगों को मिलने वाली जानकारी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है कि जिसमें भारत चौथे नंबर से फिसल कर छठे नंबर पर पहुंच गया है

Updated on: 12 Oct 2018, 12:34 PM

नई दिल्ली:

सूचना का अधिकार (RTI) कानून के इस्तेमाल को लेकर दूसरे देशों के मुकाबले भारत लगातार पिछड़ रहा है। 123 देशों में सूचना का अधिकार कानून के तहत लोगों को मिलने वाली जानकारी को लेकर रिपोर्ट सामने आई है कि जिसमें भारत चौथे नंबर से फिसल कर छठे नंबर पर पहुंच गया है। भारत की रैंकिंग में यह गिरावट सिर्फ एक साल के भीतर आई है। जब साल 2011 में अलग-अलग देश में आरटीआई की स्थिति को लेकर रेटिंग की गई थी तो उस वक्त भारत दूसरे स्थान पर था और अब छठे स्थान पर पहुंच गया है।

यह रेटिंग एक्सेस इंफो यूरोप और सेंट्रल फॉर लॉ एंड डेमेक्रेशी की तरफ से जारी की गईी है। इसमें रिपोर्ट में इस आधार पर रैंकिंग की गई है कि किस देश में सूचना के अधिकार के लिए बना कानून किस तरीके से काम कर रहा है। इसके लिए 150 अंको का स्केल तय किया गया था जिसके तहत इन देशों के सूचना के अधिकार से जुड़े इस कानून की मजबूती और कमजोरी को आंका गया है।

इस रैंकिंग में देशों को जो नंबर मिले हैं वो 61 अलग-अलग पैमाने पर आंके गए हैं जिसके तहत यह पता लगाया गया है कि सूचनाओं तक लोगों कि कितनी पहुंच है, सूचना मिलने में कितना समय लगा, सूचना को लेकर लोगों की क्या उम्मीद थी, सूचना को लेकर अपील, और सूचना लेने वाली की सुरक्षा और इस कानून का प्रचार प्रसार कितना किया गया।