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संघ का अल्‍टीमेटम, राम मंदिर मुद्दे पर अध्‍यादेश लाने पर विचार करे मोदी सरकार

राम मंदिर के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की बैठक के बाद सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने सरकार को एक तरह से अल्‍टीमेटम दे दिया. भैयाजी जोशी ने कहा कि सरकार को इस पर अध्‍यादेश लाना ही चाहिए. उन्‍होंने कहा कि जब कोई विकल्प नहीं बचेगा तो सरकार को कानून बनाने पर विचार करना होगा.

Updated on: 02 Nov 2018, 05:02 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की बैठक के बाद सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने सरकार को एक तरह से अल्‍टीमेटम दे दिया. भैयाजी जोशी ने कहा कि सरकार को इस पर अध्‍यादेश लाना ही चाहिए. उन्‍होंने कहा कि जब कोई विकल्प नहीं बचेगा तो सरकार को कानून बनाने पर विचार करना होगा.

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भैयाजी जोशी ने कहा, ‘राम मंदिर के मुद्दे पर 30 साल से आंदोलन चल रहा है. अब इंतजार काफी लंबा हो गया है. अब सरकार को इस बारे में सोचना होगा. उन्‍होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई टालने से हिन्‍दू समाज चकित है और अपमानित महसूस कर रहा है. संघ के नेता ने कहा, ‘अब और अपमान नहीं सहेंगे. जब कोई उपाय नहीं बचे तो इस पर अध्‍यादेश लाना ही एक मात्र विकल्‍प है. उन्‍होंने कहा, राम सबके हृदय में रहते हैं, लेकिन वो मंदिरों के द्वारा प्रकट होते हैं. हम चाहते मंदिर अवश्‍य बने. इस काम में कुछ बाधाएं अवश्‍य हैं. हमारी अपेक्षा है कि कोर्ट हिन्‍दुओं की भावनाओं का सम्‍मान करते हुए सोच-समझकर निर्णय देगा.

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इससे पहले गुरुवार सुबह बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा के कुछ ट्वीट्स ने देश का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया. उन्‍होंने ट्वीट किया, 'जो लोग बीजेपी और संघ को उकसाते हैं कि राम मंदिर निर्माण की तारीख बताएं, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का.' उन्होंने इस ट्वीट में राहुल गांधी, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और चंद्रबाबू नायडू को इस ट्वीट में टैग भी किया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राम मंदिर को लेकर एक बार फिर पर्दे के पीछे से कोशिशें तेज कर दी हैं. मुंबई में पिछले तीन दिनों से चल रही संघ की बैठक के बाद संघ ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन खड़ा किया जाएगा. चुनाव नजदीक आते ही राम मंदिर के मुद्दे ने फिर से ज़ोर पकड़ा है. शुक्रवार को आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरएसएस एक बार फिर राममंदिर को लेकर सरकार पर दबाव बनाती दिख रही है. संघ के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा कि हिंदू समाज चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और अगर जरूरत पड़ी तो हम एक बार फिर 1992 जैसा आंदोलन करने के लिए संघ फिर से तैयार रहेगा.

संघ का कहना है कि कोर्ट कि जिम्मेदारी बनती है कि वह लोगों की भावनाओं का सम्मान करे और अगर कोई विकल्प नहीं बचता है तो फिर सरकार इस पर विचार करे. आपको बता दें कि शुक्रवार को ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख से मुलाकात की थी. खबरों की मानें तो मुलाकात के दौरान आगामी चुनावों और राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई. बुधवार को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को दोहराया था. आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है.