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खीर वाले बयान से पलटे मोदी सरकार के मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, कहा- न RJD से दूध मांगा न BJP से चीनी

मोदी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'न मैंने आरजेडी से दूध मांगी और न ही बीजेपी से चीनी मांगी। हमने सभी समाज से समर्थन मांगा है।

Updated on: 27 Aug 2018, 02:54 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपने खीर वाले बयान को लेकर सफाई दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने न तो आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से दूध मांगा है और न ही बीजेपी से चीनी मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है, मैं तो बस सामाजिक एकता की बात कर रहा था।

मोदी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'न मैंने आरजेडी से दूध मांगी और न ही बीजेपी से चीनी मांगी। हमने सभी समाज से समर्थन मांगा है। मैं तो सामाजिक एकता की बात कर रहा था। कृपया किसी जाति या समुदाय को किसी राजनीतिक पार्टी से जोड़ने की कोशिश मत करें।'

गौरतलब है कि शनिवार को पटना में आयोजित बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की 100वीं जयंती के अवसर पर कुशवाहा ने कहा,' इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में यादव आए हैं। यदुवंशी (यादव) का दूध और कुशवंशी (कोयरी समुदाय) का चावल मिल जाए तो खीर बढ़िया होगी। और उस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई रोक नहीं सकता है।'

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उनके इस बयान का राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने समर्थन करते हुए ट्वीट किया, 'नि:संदेह उपेन्द्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है। पंचमेवा के स्वास्थ्यवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देते हैं। प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।'

हालांकि दो महीने पहले ही कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के महागठबंधन में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा था कि आरजेडी की जमीन खिसक रही है, इसलिए वे हमें निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने एनडीए में किसी प्रकार के मतभेद से इनकार करते हुए कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है।

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आपको बता दें कि कुछ दिन पहले आरएलएसपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नागमणि ने अगले विधानसभा चुनाव में कुशवाहा को एनडीए के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था। इसके बाद एनडीए में शमिल जेडीयू और आरएलएसपी आमने-सामने आ गए थे।

पिछले महीने उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था नीतीश कुमार करीब 15 वर्ष से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर हैं, अब उन्हें खुद ही इस पद को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश ने 15 साल तक बिहार की सेवा की, अब के किसी और व्यक्ति को मौका देना चाहिए।