RJD की फिक्र छोड़ लालू दे रहे कांग्रेस को नसीहत, कहा आत्मघाती होगा राहुल का इस्तीफा
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा आत्मघाती कदम होगा. यही नहीं, इससे संघ विरोधी सारी ताकतें भी कमजोर होंगी.
highlights
- लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि राहुल गांधी का इस्तीफा आत्मघाती होगा.
- उन्होंने कहा कि इस तरह कांग्रेस अध्यक्ष बीजेपी के जाल में ही फंस जाएंगे.
- साथ ही माना कि समग्र विपक्ष को संयुक्त रूप से हार स्वीकारनी चाहिए.
नई दिल्ली.:
इस बार लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक भी सीट नहीं मिली. इससे हताश लालू यादव रांची के अस्पताल में खाना-पीना तक छोड़ चुके थे, लेकिन अब वे राजद की फिक्र छोड़कर कांग्रेस (Congress) को नसीहत दे रहे हैं. कोलकाता के एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे को आत्मघाती (Suicidal) कदम बताया. साथ ही यह भी कहा कि इससे संघ विरोधी ताकतें (Anti Sangh Forces) भी कमजोर होंगी.
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बीजेपी के जाल में फंसने जैसा होगा ऐसा कोई कदम
यही नहीं आरजेडी सुप्रीमो (RJD Supremmo) का यह भी मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ऐसा कोई भी कदम वास्तव में उनके बीजेपी के जाल में फंसने जैसा ही होगा. उन्होंने कहा कि गांधी-नेहरू परिवार (Gandhi Nehru Family) से इतर जैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कोई गैर गांधी नेता काबिज होगा, वैसे ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ब्रिगेड उसे कठपुतली (Puppet) करार देना शुरू कर देगी. और ये लोग अगले आम चुनाव तक उस पर खेलेंगे. राहुल को अपने राजनीतिक विरोधियों को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए?
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विपक्ष अपनी संयुक्त हार स्वीकार करे
लालू यादव ने बेबाकी से यह भी स्वीकार किया है कि नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ समग्र विपक्ष चुनाव हार गया है. ऐसे में सांप्रदायिक और फांसीवादी ताकतों को हटाने में लगे सभी विपक्षी दलों को अपनी संयुक्त हार स्वीकार करनी होगी. उन्हें इस बात पर गहरा विचार-विमर्श करना होगा की आखिर चूक कहां हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी (Opposition) को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुई थीं, लेकिन वे इस पर पूरे देश को साथ लाने में सफल नहीं हो पाईं.
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हार के बाद लालू से मिलने नहीं पहुंचा कोई
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से उनसे मिलने अभी तक कोई भी पारिवारिक सदस्य (Lalu Family) या पार्टी नेता नहीं पहुंचा है. वह भी तब जब रांची के रिम्स में उपचार करा रहे राजद प्रमुख लालू यादव की नासाज तबियत से सभी वाकिफ हैं. सभी को मालूम है कि टीवी पर चुनाव परिणाम देख हताश लालू यादव ने खाना-पीना और सोना तक छोड़ दिया था. इसके बावजूद पिछले पांच दिनों में उनसे पार्टी के किसी बड़े नेता या फिर उनके घरवालों ने भी मुलाकात नहीं की है. सूत्रों की मानें तो इस हार से लालू हताश और चिंतित हैं, क्योंकि पार्टी की स्थापना के बाद से ये पहला मौका है जब राजद का लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में खाता तक न खुला हो. हार के कारण ही उनकी तबियत भी अचानक बिगड़ गई.
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बिहार में खड़ा किया था महागठबंधन
बीजेपी खासकर प्रधानमंत्री को लोकसभा चुनाव में शिकस्त देने के लिए बिहार में महागठबंधन (Mahagatbandha) खड़ा किया गया था. इसका नेतृत्व बिहार में राजद ही कर रही है. आरजेडी ने बिहार की 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था. शेष 20 सीटों पर आरजेडी के चार सहयोगी दलों कांग्रेस, हम, रालोसपा और वीआईपी दलों के उम्मीदवार उतारे गए थे. यह अलग बात है कि बिहार में महागठबंधन को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. सिर्फ बिहार ही क्यों झारखंड (Jharkhand) तक में आरजेडी का सूपड़ा (Clean Sweep) साफ हो गया.