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गरीब सवर्ण आरक्षण पर झुनझुना दिखाकर बोले RJD सांसद, यह केवल हिलता है बजता नहीं

बुधवार को राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का खुलकर विरोध करती है.

Updated on: 09 Jan 2019, 09:55 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जनता दल (RID) ने सामान्य श्रेणी के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले को मंजूरी देने का विरोध किया है. बुधवार को राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का खुलकर विरोध करती है. बहस के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम बाबा साहब के मुरीद लोग हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण आमदनी बढ़ाओ योजना नहीं है. आरक्षण प्रतिनिधित्व का मामला है. सरकार ने इसे मनरेगा बना दिया है.

मनोज झा ने कहा कि हमें लगता है कि सरकार सरकार ओबीसी और दलित विरोधी है क्योंकि सवर्णों के लिए आरक्षण लाकर सरकार जातिगत आरक्षण को खत्म करने का रास्ता तैयार कर रही है.

मनोज झा ने कहा, 'मैं 124वें संविधान संशोधन के विषय पर बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. सदन को भी बताना चाहता हूं और सड़क पर भी मौजूद लोगों को बताना चाहता हूं कि इस बिल का हमारी पार्टी विरोध करती है. हम सामाजिक न्याय वाले दल हैं और हमारे नेता ने हमेशा इसके लिए लड़ाई लड़ी है. हमारे नेता जो आज कई प्रताड़नाओं से गुजर रहे हैं, इसके पैरोकार में वो सबसे आगे थे. बहुत सारी मंजिल बाकी थी, एक छोटी-सी मंजिल हासिल हुई थी. लेकिन लोग अब हमसे पूछते हैं कि आपकी पोजिशन क्या है? हमारी पोजिशन है कि आप संविधान के मूल अवधारणाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं.'

RJD सांसद ने राज्यसभा में एक झुनझुना लहराते हुए कहा कि यह झुनझुना हिलता भी है और बजता भी है. लेकिन सरकार आरक्षण के नाम पर जो झुनझुना दिखा रही है वह केवल हिलता है, बजता नहीं है.

उन्होंने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि गरीबी को कोई जाति नहीं होती है यह कहना गलत है, लेकिन सच यह है कि जातियों में गरीबी होती है. एससी-एसटी /ओबीसी के लोगों में सबसे ज्यादा ग़रीबी है. आरजेडी सांसद ने कहा, 'बचपन में हम सबने कहानी पढ़ी है कि एक गरीब ब्राह्मण था, लेकिन कभी सुना है कि एक गरीब दलित था, एक गरीब कुम्हार था, एक गरीब कुर्मी था, एक गरीब यादव था. कभी नहीं सुना होगा. क्योंकि यह हकीकत है. कहानियां काल्पनिक चीजों पर ही बनती हैं. हकीकत पर कहानियां नहीं बनती हैं.'

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आरजेडी सांसद ने कहा, 'आर्टिकल 15 और आर्टिकल 16 जब बने थे, तो कई दिनों तक उस पर चर्चा हुई थी. आज हमने चंद घंटे में यह तय कर दिया कि इसकी आत्मा को मार दो, इसका कत्ल कर दो. ऐसा नहीं होता है. यह मध्य रात्रि की डकैती है और यह संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ हो रही है. हम तो इनकी नीति और नीयत दोनों के खिलाफ हैं. हम सीधे तौर पर कहते हैं कि आरक्षण खत्म कर देंगे, लेकिन पहले जाति को तो खत्म करो.'