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दिल्ली: मंडी हाउस से संसद मार्ग तक आज पैदल मार्च करेंगे तेजस्वी यादव

लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज दिल्ली में मंडी हाउस से संसद मार्ग तक पैदल मार्च करेंगे.

Updated on: 31 Jan 2019, 09:02 AM

नई दिल्ली:

लालू यादव (Lalu Yadav) के बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज दिल्ली में मंडी हाउस से संसद मार्ग तक पैदल मार्च करेंगे. 13 प्वाइंट के विभागवार रोस्टर के खिलाफ तेजस्वी यादव पैदल मार्च करने वाले हैं.  तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि सरकार ने इस महत्वपूर्ण मसले पर अध्यादेश लाने से इनकार कर दिया है. आरोप लगाया है कि लंबी लड़ाई के बाद हासिल आरक्षण की हत्या हुई है. 

बता दे कि तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी ने नाम खुला पत्र लिखकर तेजस्वी यादव ने लोगों से मंडी हाउस से संसद मार्ग तक विशाव पैदल मार्च में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि मनुवादी नागपुरी सरकार बहुजनों का गला काटकर विश्वविद्यालय में साजिश के तहत 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के विरोध में भारी संख्या में जमा होकर मोदी सरकार की ईंट से ईंट बजाएं. पढ़ें पूरी चिट्ठी-

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर विवाद
गौरतलब है कि एससीएसटी एक्ट की तरह ही रोस्टर विवाद भी सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रहा है. ऐस में आखिर रोस्टर विवाद क्या है यह जानना बेहद जरूरी है. देश के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और शिक्षकों की नियुक्ति पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के इलाहाबाद के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी कायम रखा जिसका विरोध शुरू हो गया है. विपक्षी दल सरकार पर अध्यादेश लाकर इसे पलटने का दबाव बना रहे हैं.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटीज में 200 प्वाइंट रोस्टर की जगह 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने का फैसला सुनाया था. इस 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत विभाग को ही ईकाई मानकर आरक्षण देने की बात कही गई. इसके तहत चौथा पद ओबीसी को, सातवां पद अनुसूचित जाति को, आठवां पद ओबीसी के लिए आता है वहीं 14 वां पद अगर विभाग में आता है तभी वह अनुसूचित जनजाति को मिलेगा. इनके अलावा सभी पद अनारक्षित घोषित कर दिए गए. अगर 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण को लागू कर भी दिया गया तो भी यह पिछड़ों को मिले आरक्षण का 30 फीसदी के आसपास ही रह जाएगा. फिलहाल केंद्र सरकार की नौकरियों में एससी-एसटी ओबीसी के लिए 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है.