logo-image

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को बताया डरपोक, सुरक्षा में कटौती होने से नाराज़ हो वापस किये गॉर्ड्स

सुरक्षा में कटौती किये जाने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है

Updated on: 11 Apr 2018, 01:26 PM

नई दिल्ली:

सुरक्षा में कटौती किये जाने पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को डरपोक करार देते हुए कहा है कि वो ईर्ष्यावश इस तरह का कदम उठा रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि राज्य के मुख्यमंत्री हमारे परिवार की सुरक्षा को बढ़ाने की बजाय उसमें कटौती कर रही है। नीतीश सरकार के इस कदम से नाराज़ तेजस्वी ने सुरक्षा वापस कर दी है।

उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी को पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सुरक्षा मिली थी और नेता प्रतिपक्ष के नाते खुद उन्हें और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव को विधायक होने के कारण सुरक्षा मिली हुई है। लेकिन नीतीश कुमार ईर्ष्यावश सुरक्षा में कटौती कर रहे हैं।

और पढ़ें: मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- भारत के चुनावों में होगी ईमानदारी

तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए अनेकों बार नीतीश कुमार के अधीन गृह विभाग को लिखा लेकिन ईर्ष्या वश इसमें कटौती कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को डरपोक करार देते हुए कहा कि वो परिवार की सुरक्षा में लगी सुरक्षा को वापस कर रहे हैं। 

उन्होंने कई सारे ट्वीट कर कहा कि उनकी मां राबड़ी देवी जी को पूर्व सीएम होने के नाते सुरक्षा मिली है। लेकिन वो पूरे परिवार की सुरक्षा वापस कर रहे हैं ताकि नीतीश कुमार जी हमारे परिवार से ईर्ष्या करने की जगह काम में मन लगा सकें। 

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार ने दो पूर्व सीएम की सुरक्षा में तैनात 18 हाउस गार्डों को वापस बुलाया है। हम अपनी सुरक्षा में तैनात जवानों को छोड़ रहे हैं, जिससे नीतीश जी अपनी सुरक्षा बढ़ा सकें। क्योंकि वह देश के सबसे नखरेबाज सीएम जो ठहरे।'

मंगलवार को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ की थी। उसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने हाउस गार्डस को हटाने का आदेश दिया था।

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं है और सुरक्षा व्यवस्था को तय करने संबंधी सभी फैसले समिति लेती है।

और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में आतंकियों से एनकाउंटर जारी, एक जवान शहीद