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सीपीआई ने 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सभी पार्टियों के गठजोड़ की संभावना जताई

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए देश के राजनीतिक दलों को एक साथ आने की संभावना जताई है।

Updated on: 18 Mar 2018, 09:29 PM

नई दिल्ली:

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए देश के राजनीतिक दलों के एक साथ आने की संभावना जताई है।

सीपीआई ने हालिया उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद राजनीतिक दलों के एक साथ आने की उम्मीद जताई है।

सीपीआई के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान उपचुनावों के परिणाम बताते हैं कि बीजेपी की लोकप्रियता घट रही है और लोगों का एनडीए सरकार से मोह भंग रहा है।

सुधाकर रेड्डी ने कहा, 'सभी पार्टियों के साथ आने की संभावना है। इस गठजोड़ नीति की बात सीपीआई शुरू से कर रही है। चुनाव में दोतरफा मुकाबला होना चाहिए, लेकिन सभी पार्टियों में देश के स्तर पर सहमति नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'इसलिए अधिकतर लोकसभा सीटों पर मैं इसकी आशा करता हूं। उत्तर प्रदेश उपचुनाव के परिणाम के बाद हम विश्वास कर सकते हैं कि देश में बीजेपी शासन खत्म होने की शुरुआत हो चुकी है।'

उन्होंने कहा कि उपचुनाव में गोरखपुर लोकसभा सीट में बीजेपी की वोट 5 लाख से 3 लाख पर आ पहुंची, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की वोट प्रतिशत 5-6 फीसदी बढ़ गई।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर और बिहार में अररिया लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को हार मिली थी। गोरखपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी को इससे पहले कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा था।

सुधाकर रेड्डी ने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का केंद्र की एनडीए सरकार से अलग होना भी बीजेपी के लिए झटका है।

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