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राष्ट्रपति भवन में है 340 कमरे, जानें और क्या है खास

जो भी राष्ट्रपति बनेंगे उनका पता 'राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली, दिल्ली 110004' होगा।

Updated on: 19 Jul 2017, 11:56 PM

नई दिल्ली:

गुरुवार को यह तय हो जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे या मीरा कुमार। जो भी राष्ट्रपति बनेंगे उनका पता 'राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली, दिल्ली 110004' होगा।

नई दिल्ली में बने चार मंजिल वाले इस भवन में कुल 340 कमरे हैं। इसे बनने में तकरीबन डेढ़ दशक का समय लगा था। इसके निर्माण के लिए करीब 4,00,000 पाउंड का बजट मंजूर किया गया था। राष्ट्रपति भवन इटली के रोम स्थित क्यूरनल पैलेस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान है।

राष्ट्रपति भवन को तैयार होने में पूरे होने में करीब आठ साल का समय लगा। इसका निर्माण साल 1921 में शुरु हुआ था और 1929 में यह बन कर तैयार हुआ था।

राष्ट्रपति भवन में कार्यालय अतिथि कक्ष और कर्मचारी कक्षों समेत 340 कमरे हैं।

इसके बनाने में 700 मिलियन इंटें और 3 मिलियन घन फीट पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

यह भवन रायसीना हिल पर बनाया गया है। इसे बनाने के लिए दो गांवों को विस्थापित किया गया था।

स्वतंत्रता के पहले इसका नाम वायसरॉय हाउस था। यह भारत का सबसे बड़ा निवास स्थान था।

गौतम बुद्ध की प्रतिमा जिस स्थान पर रखी गई हैं उसकी उंचाई इंडिया गेट के बराबर है।

राष्ट्रपति भवन के मार्बल हॉल में वायसरॉय और ब्रिटिश राजपरिवार के कई दुर्लभ मूर्तियां रखी हैं।

राष्ट्रपति भवन के वास्तुकार एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स थे जबकि चीफ इंजीनियर ह्यूज कीलिंग थे।

जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने और रहना शुरू किया तब तब इसका नाम राष्ट्रपति भवन रखा गया।

राष्ट्रपति भवन में एक गार्डन भी है जिसका नाम मुगल गार्डन है। यह गार्डन हर साल एक महीने के लिए आम लोगों के लिए खोला जाता है।