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चारा घोटाला: अदालती अवमानना के दोषी करार दिए गए तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद और मनोज झा, 23 जनवरी को पेशी का आदेश

रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक अन्य मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्री जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो को दोषी करार दिए जाने के बाद हुई बयानबाजी को कोर्ट की अवमानना माना है।

Updated on: 03 Jan 2018, 12:04 PM

highlights

  • चारा घोटाला मामले में लालू को सजा के ऐलान से पहले अदालती अवमानना के दोषी करार दिए गए तेजस्वी यादव
  • रांची की सीबीआई अदालत ने तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद और मनोज झा को 23 जनवरी को अदालत में समन किया है

नई दिल्ली:

चारा घोटाला के एक अन्य मामले में लालू यादव को सजा के ऐलान से पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने उनके बेटे तेजस्वी यादव को अवमानना का दोषी करार दिया है।

रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक अन्य मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो को दोषी करार दिए जाने के बाद हुई बयानबाजी को कोर्ट की अवमानना मानते हुए तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और पार्टी प्रवक्ता मनोज झा को 23 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

हालांकि कोर्ट की तरफ से अवमानना का नोटिस जारी किए जाने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

वहीं पार्टी प्रवक्ता झा ने इसे चौंकाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा, 'यह चौंकाने वाला है क्योंकि हमारे बीच से किसी ने भी न्यायिक कार्रवाई और न्यायिक फैसले के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला था।'

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23 दिसंबर को लालू यादव को सजा सुनाए जाने के बाद आरजेडी ने इस पूरे मामले में सीबीआई और केंद्र सरकार को लपेटे में लिया था।

पार्टी के प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस फैसले से हम चकित हैं लेकिन हमें कोई झटका नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि पिछले 22 सालों से हम इस मामले को झेल रहे हैं।

झा ने कहा था कि कि इस मुल्क में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जिस व्यक्ति ने इस घोटाले को लेकर सचेत किया, उसी को सजा सुना दी गई।

उन्होंने कहा कि इस घोटाले पर 1996 में लालू यादव ने ही एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन जब उनसे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ा जा सका तो इस तरह घेर लिया गया। वहीं आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि इस फैसले से हम निराश हैं लेकिन हमारे बीच कोई हताशा नहीं है।

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