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जमशेदपुर में टाटा मोटर्स की फैक्ट्री में कर्मचारी की मौत पर ट्रेड यूनियन और मैनेजमेंट में टकराव

झारखंड के जमशेदपुर में टाटा मोटर्स की फैक्ट्री में कर्मचारी यूनियन और टाटा मैनेजमेंट के बीच ठन गई है

Updated on: 15 Apr 2017, 04:35 PM

highlights

  • जमशेदपुर में टाटा मोटर्स की फैक्ट्री में धरने पर बैठे कर्मचारी
  • ड्यूटी पर एक कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों के लिए स्थायी नौकरी की मांग

नई दिल्ली:

झारखंड के जमशेदपुर में टाटा मोटर्स की फैक्ट्री में कर्मचारी संघ और टाटा मैनेजमेंट के बीच ठन गई है। ड्यूटी के दौरान एक कर्मचारी धीरेंद्र सिंह की मौत के बाद कर्मचारी यूनियन के लोग कंपनी से उसके परिजनों को स्थायी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं।

शनिवार की सुबह फैक्ट्री के कर्मचारी धीरेंद्र के परिजनों को स्थायी नौकरी देने की मांग को लेकर टाटा मोटर्स के चारो गेटों को जाम कर दिया। गेट को जाम करने की वजह से ए शिफ्ट के कर्मचारी जहां अपनी ड्यूटी खत्म करके बाहर नहीं आ पाए वहीं बी शिफ्ट के कर्मचारी काम करने के लिए अंदर नहीं जा सके। 

करीब 500-600 प्रदर्शनकारियों ने जमशेद जी टाटा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद वहीं धरने पर बैठ गए। मामले की गंभीरता और फैक्ट्री की सुरक्षा को देखते हुए प्रदर्शन स्थल पर पुलिस के 70-80 जवानों को नियुक्त किया गया है और मौके पर सिटी एसपी खुद नजर बनाए हुए हैं।

कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए टाटा मैनेजमेंट ने प्रदर्शनकारी, मृतक धीरेंद्र के परिजनों और नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है। मृतक के परिजन स्थायी नौकरी से कम किसी भी चीज पर मानने को तैयार नहीं हैं।

13 अप्रैल को कंपनी परिसर में जर्नल शिफ्ट के दौरान तबीयत बिगड़ने से स्थायी कर्मचारी धीरेंद्र सिहं की मौके पर ही मौत हो गई थी। धीरेंद्र सिंह की मौत के बाद कर्मचारी यूनियन, जेवीएम, आजसू, बीजेपी और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से मैनेजमेंट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि टाटा स्टील में ऐसे स्थिति में स्थायी नौकरी दी जाती है तो टाटा मोटर्स में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। कर्मचारी यूनियन के मुताबिक एक ही शहर में दो कानून नहीं चल सकता।

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