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पासवान ने किया गरीब सवर्णों को 15% आरक्षण दिए जाने का समर्थन, न्यायपालिका में भी कर चुके हैं मांग

न्यायपालिका में आरक्षण दिए जाने की मांग उठाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गरीब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की वकालत की है।

Updated on: 18 Apr 2018, 07:34 PM

highlights

  • न्यायपालिका में आरक्षण दिए जाने के बाद अब रामविलास पासवान ने गरीब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की मांग की है
  • पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी गरीब सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण दिए जाने के सुक्षाव का समर्थन करती है

नई दिल्ली:

न्यायपालिका में आरक्षण दिए जाने की मांग उठाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने गरीब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की वकालत की है।

सवर्णों के भीतर मौजूदा गरीबी की जिक्र करते हुए पासवान ने कहा कि ऐसे लोगों को नहीं लगना चाहिए कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है।

एनडीए की सहयोगी लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) सुप्रीमो पासवान ने कहा, 'यहां तक कि सवर्णों में भी गरीब लोग हैं और उन्हें नहीं लगना चाहिए कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है क्योंकि उन्हें वह सुविधाएं नहीं मिल रही है, जो दलितों, आदिवासियों और पिछड़े लोगों को मिल रही है।'

उन्होंने कहा, 'इसलिए हमारी पार्टी (लोक जनशक्ति पार्टी) गरीब सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण दिए जाने का समर्थन करती है।'

पासवान इससे पहले भी आरक्षण को लेकर मुखर तरीके से अपनी राय रखते रहे हैं। उन्होंने न्यायपालिका में भी आरक्षण दिए जाने की वकालत की है।

पासवान ने कहा था कि आदर्श स्थिति के तौर पर भारतीय न्यायपालिका में भी आरक्षण होना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'आदर्श स्थिति में भारतीय न्यायपालिका में आरक्षण होना चाहिए।। लेकिन अघर हम यह मांग करेंगे तो सुप्रीम कोर्ट इसे असंवैधानिक करार देगा। इसलिए न्यायिक सेवा का गठन होना चाहिए। इसके लिए कंपीटिटिव एग्जाम होना चाहिए।'

पासवान इससे पहले भी दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। आरक्षण को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर कथित रूप से भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए पासवान ने मोदी सरकार की तारीफ की थी।

पासवान ने कहा था कि आरक्षण के मसले पर मोदी सरकार की नीति और मंशा में कोई खोट नहीं है।

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