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देश के लोग चाहते हैं कि अयोध्‍या में जल्‍द से जल्‍द बने राम मंदिर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर बोले

एक नागरिक के तौर पर मैं कहता हूं कि 70 साल से यह मामला लंबित है और जल्‍द से जल्‍द इसका हल निकलना चाहिए.

Updated on: 28 Jan 2019, 12:04 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा, देश के लोग चाहते हैं कि अयोध्‍या में राम मंदिर बने. एक नागरिक के तौर पर मैं कहता हूं कि 70 साल से यह मामला लंबित है और जल्‍द से जल्‍द इसका हल निकलना चाहिए. रविशंकर प्रसाद का बयान ऐसे समय आया है, जब एक दिन पहले ही अयोध्या केस की 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टल गई है. पांच जजों की बेंच में से एक जज जस्टिस एसए बोबडे की गैर मौजूदगी के कारण अब 29 जनवरी को इस मामले की सुनवाई नहीं होगी. अभी इस मामले में कोई नई तारीख तय नहीं की गई है.

26 जनवरी को अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन किया था. बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया है. अब नए बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर हैं.
10 जनवरी को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धन ने जस्टिस यूयू ललित को लेकर सवाल उठाए थे. जस्‍टिस यूयू ललित उस 5 सदस्‍यीय संविधान पीठ के सदस्‍य थे, जो अयोध्‍या मामले की सुनवाई कर रही थी, लेकिन अधिवक्‍ता राजीव धवन की आपत्‍ति के बाद वह स्‍वयं केस से हट गए थे.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे के भीतर अयोध्या विवाद का निपटारा करने का दावा किया था. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मसले पर लोगों का धैर्य समाप्त हो रहा है और सर्वोच्च न्यायालय इस विवाद पर जल्द आदेश देने में असमर्थ है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'इसे हमारे हवाले कर देना चाहिए और 24 घंटे के भीतर इसका समाधान हो जाएगा.'