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राज्यसभा के पहले दिन नायडू मंत्रियों से बोले- 'विनती न करें', ख़त्म की अंग्रेजों की परंपरा

शीतकालीन सत्र की पहले दिन की कार्यवाही शुरु करते वक्त नायडु ने कहा कि दस्तावेज पेश करते वक्त 'आई बेग टू (जिसका हिंदी में अर्थ है, मैं विनती करता हूं)' कहने का रिवाज खत्म करने को कहा है।

Updated on: 15 Dec 2017, 04:48 PM

नई दिल्ली:

उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडु ने बतौर राज्यसभा चेयरमैन के तौर पर पहले दिन की राज्यसभा की कार्यवाही में मामूली बदलाव किया है। वैंकेया नायडू ने मंत्रियों और सदस्यों को संसद में दस्तावेज पेश करते वक्त कॉलोनियल टर्म का इस्तेमाल करने से मना किया है।

शीतकालीन सत्र की पहले दिन की कार्यवाही शुरु करते वक्त नायडु ने कहा कि दस्तावेज पेश करते वक्त 'आई बेग टू (जिसका हिंदी में अर्थ है, मैं विनती करता हूं)' कहने का रिवाज खत्म करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि, 'सिर्फ कहें- आई रेज़ टू ले ऑन द टेबल (मैं मेज पर रखने के लिए बढ़ा हूं)।' नायडू ने कहा, 'विनती करने की ज़रुरत नहीं है... यह स्वतंत्र भारत है।'

उन्होंने यह टिप्पणी तब कि मंत्रियों के टेबल पर पेपर पेश करते वक्त इसी टर्म का इस्तेमाल करने के बाद कही। अब तक मंत्री दस्तावेज पेश करते वक्त कहते थे, 'मैं आज के संशोधित सूची में मेरे नाम के विरुद्ध सूचीबद्ध कागजात तालिका में रखने की विनती करता हूं।'

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हालांकि उन्होंने तुरंत यह बात साफ की कि यह आदेश नहीं बल्कि एक सुझाव है। नायडू ने सदन के प्रेजिडिंग ऑफिसर के रूप में पहले दिन ही सिर्फ यही बदलाव नहीं किया, बल्कि वह श्रद्धांजलि संदर्भों को पढ़ते समय खड़े भी हुए थे।

इससे पहले उनके पूर्ववर्ती चेयरमैन हामिद अंसारी और भैरोसिंह शेखावत श्रद्धांजलि संदर्भों को पढ़ने के समय बैठे रहते थे। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी श्रद्धांजलि संदर्भों को पढ़ते वक्त खड़ी हुईं थी।

वैंकेया नायडू ने अगस्त में उप राष्ट्रपति के तौर पर गद्दी संभाली थी। उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के प्रेजिडिंग ऑफिसर (चेयरमैन) होते हैं।

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