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जिस देश में महिलाएं सुरक्षित होती हैं वहां का विकास कोई रोक नहीं सकता: राजनाथ

सिंह ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न पहलें कर रही है जिनमें महिला सुरक्षा मंडल स्थापित करना और यौन हमलों से संबंधित मामलों का निपटान फास्ट ट्रैक अदालतों में कराना शामिल है.

Updated on: 02 Dec 2018, 01:45 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को नगालैंड में पुलिस और दमकल जैसी विभिन्न आपात सेवाओं के लिए एक मोबाइल एप्प का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास फीचर होगा जो उन्हें पुलिस और स्वयंसेवकों से तुरंत सहायता मुहैया कराएगा. सिंह ने कहा कि ‘112 इंडिया’ मोबाइल एप्प पर ‘एसएचओयूटी’ (शाउट) फीचर को खासतौर पर महिलाओं के लिए उपलब्ध कराया गया है. यह ‘इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम’ (ईआरएसएस) से जुड़ा है. 

उन्होंने कहा कि यह एप्प किसी परेशान महिला की जगह का पता लगाने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करेगा. गृह मंत्री ने कहा कि देश की करीब आधी आबादी महिलाओं की है और जिन देशों में महिलाएं महफूज होती हैं तो वे देश मजबूत होते हैं और उसका विकास कोई नहीं रोक पाता है.

सिंह ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न पहलें कर रही है जिनमें महिला सुरक्षा मंडल स्थापित करना और यौन हमलों से संबंधित मामलों का निपटान फास्ट ट्रैक अदालतों में कराना शामिल है.

उन्होंने नगालैंड में ‘इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम’ (ईआरएसएस) परियोजना शुरू करने पर राज्य के लोगों, सरकार और पुलिस को बधाई दी. नगालैंड पहला पूर्वेत्तोर राज्य है जिसने यह एप्प शुरू की है. 

उन्होंने कहा कि ईआरएसएस परियोजना के तहत, समूचे देश के लिए आपात स्थिति के लिए एक नंबर ‘112 ’ का इस्तेमाल करने पर लोगों को पुलिस, स्वास्थ्य और दमकल विभाग समेत अन्य एजेंसियों से तुरंत सहायता मिलेगी. 

ईआरएसएस में पुलिस (100), दमकल (101), स्वास्थ्य (108) और महिला (1090) हेल्पलाइनों को मिला दिया गया है और अब इन आपात सेवाओं को 112 नंबर के जरिए संपर्क किया जा सकता है.

विभिन्न आपात सेवाओं के लिए एक नंबर धीरे-धीरे पूरे देश में शुरू होगा. ये अमेरिका के ‘911’ की तरह है.

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हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है जिसने इस हफ्ते के शुरू में यह परियोजना को शुरू किया. इसके बाद नगालैंड में इसका शुभारंभ किया गया.