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शीशे की छत, जीपीएस और मॉर्डन सुविधाओं से लैस है नए ज़माने की यह भारतीय रेल

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को उड़ीसा के भुवनेश्वर में रेल सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल मंत्री ने इन दोनों ट्रेनों को देश के दो अलग-अलग हिस्सों में रवाना किया है साथ ही उन्होंने एक रेलवे केंद्र की आधारशिला भी रखी।

Updated on: 17 Apr 2017, 11:19 AM

नई दिल्ली:

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को उड़ीसा के भुवनेश्वर में रेल सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल मंत्री ने इन दोनों ट्रेनों को देश के दो अलग-अलग हिस्सों में रवाना किया है साथ ही उन्होंने एक रेलवे केंद्र की आधारशिला भी रखी। 

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने आए रेल मंत्री ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एक लाइफ लाइन एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जबकि दूसरी रेल उन्होने विस्टाडोम कोच के साथ विशाखापट्टनम और अराकू के बीच शुरु हुई एक ट्रेन की शुरुआत की।

रेलमंत्री ने लाइफ लाइन एक्सप्रेस को गरीब मरीज़ों के लिए ख़ास बताते हुए कहा कि इससे उन्हें काफी मदद मिलेगी।

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वहीं, विस्टाडोम कोच के साथ विशाखापट्टनम और अराकू के बीच शुरु इस ट्रेन को बेहद मॉर्डन बताया गया है। रेल मंत्री ने कहा कि नए कोच में शीशे की छत, एलईडी लाइट, घुमावदार सीटें, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली होगी जो यात्रा को बेहद सुगम बनाएंगे।

प्रभु ने बूट मॉडल के तहत विशाखापट्टनम में एक यांत्रिक लॉन्ड्री की भी आधारशिला रखी है। विशाखापत्तनम में शानदार अराकू घाटी की खुशनुमा यात्रा का अनुभव लेने के लिए रेलवे ने विशाखापत्तनम-किरांदुल ट्रेन में विस्टाडोम कोच पेश किया है, इस कोच से बाहर का भी नज़ारा देखा जा सकता है।

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विस्टाडोम कोच वातानुकूलित है और इसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है। यह भारतीय रेलवे का अपना पहली तरह का ख़ास कोच बताया जा रहा है।

इस कोच में शीशे की बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं और एक लांज है जिसमें से मुसाफिर विशाखापत्तनम से अराकू घाटी पर्वत स्टेशन के बीच के 128 किलोमीटर लंबे रास्ते का अनूठा आनंद ले सकेंगे।

तकरीबन 3.38 करोड़ रुपये की लागत से बना 40 सीट वाले इस कोच की अनूठी खासियत यह है कि इसमें लगी सीटें 360 डिग्री तक घुम भी सकती हैं, जिससे यात्री बेहतर नजारे का आनंद ले सकेंगे। रेलवे के मुताबिक तकनीकि आधार पर ट्रेन में इस तरह का एक कोच लगाया गया है, जबकि अन्य कोच जल्द लगेंगे।

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