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2019 के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, राहुल ने बताया - कैसे बदलेगी पार्टी, किसे मिलेगा टिकट

पार्टी के सामने मौजूद इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए संभावित बदलावों का पहली बार सार्वजनिक मंच से जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस देश के सभी लोगों की पार्टी है और हम इसे हर हाल में बदल कर रहेंगे।

Updated on: 18 Mar 2018, 05:24 PM

highlights

  • कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में राहुल गांधी ने पेश किया पार्टी में बदलाव का खाका
  • राहुल ने कहा कि पार्टी में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच की दीवार को गिराकर ही लूंगा दम

नई दिल्ली:

2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस को लगातार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में जब दिल्ली में कांग्रेस का 84वां महाधिवेशन शुरू हुआ, तब सबकी नजरें पार्टी प्रेसिडेंट राहुल गांधी के समापन भाषण पर थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले और पार्टी के विजन को लेकर की जाने वाली अहम घोषणाओं की उम्मीद थी।

उम्मीद के मुताबिक ही राहुल गांधी ने पार्टी में 'बदलाव' और बीजेपी-आरएसएस के 'गठजोड़' से निपटने की नीति को कार्यकर्ताओं के सामने रखा।

पिछले चार सालों के दौरान कांग्रेस को न केवल संगठनात्मक कमजोरी बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 'कांग्रेस मुक्त भारत' अभियान की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है।

पार्टी के सामने मौजूद इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए संभावित बदलावों का पहली बार सार्वजनिक मंच से जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस देश के सभी लोगों की पार्टी है और हम इसे हर हाल में बदल कर रहेंगे।

संगठन में बदलाव की रुपरेखा को सामने रखते हुए राहुल ने कहा कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी बाधा आखिरी पंक्ति में बैठे युवा और मंच पर बैठे नेताओं के बीच की दीवार है और 'मैं इसे हर हाल में गिराकर रहूंगा।'

उन्होंने कहा, 'मैं हमारे जमीनी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच के संवादहीनता की स्थिति को खत्म कर रहूंगा।'

सम्मेलन की आखिरी पंक्ति में बैठे कार्यकर्ताओं की तरफ इशारा करते हुए राहुल ने कहा, 'मेरा पहला काम उस दीवार को तोड़ना होगा और यह काम हम गुस्से से नहीं बल्कि प्यार से करेंगे।'

देश के संकट में होने का जिक्र करते हुए राहुल ने युवाओं से कांग्रेस के साथ जुड़कर काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा, 'भारत के प्रत्येक युवा के लिए हम एक साधन है। कांग्रेस पार्टी आपकी है। हम अपना दरवाजा आपके लिए खोल रहे हैं। आपका देश संकट में है और इसे आपकी जरूरत है।'

राहुल ने संवाद की शैली को अपनाते हुए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुड़ने की कोशिश की। चुनावी हार के कारण कमजोर हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए राहुल ने खाली मंच का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी के बैठक में मुख्य मंच नेताओं से भरा होता है, लेकिन मैंने इस मंच को खाली रखा है।

उन्होंने कहा, 'यह मंच आपके लिए हैं।

बतौर प्रेसिडेंट राहुल गांधी का यह पहला महाधिवेशन था। गौरतलब है कि कांग्रेस का यह महाधिवेशन वैसे समय में संपन्न हुआ है, जब देश की सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी ने अगले आम चुनाव की तैयारी के लिए कमर कस ली है।

पिछले आम चुनावों के बाद हुए राज्य विधानसभा चुनाव, उप चुनाव और स्थानीय चुनावों में कांग्रेस लगातार कमजोर हुई वहीं बीजेपी लगातार मजबूत हुई है।

महाधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने समापन संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी नीतियों पर जमकर हमला बोला।

राहुल ने न केवल बीजेपी पर बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ उसके गठजोड़ पर बोलते हुए कहा कि जहां बीजेपी जहां महज एक संगठन की आवाज है, वहीं कांग्रेस पूरे देश की आवाज है।

राहुल ने इस दौरान महाभारत के प्रसंग का जिक्र करते हुए बीजेपी और कांग्रेस की तुलना की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पांडवों की तरह है जो सच्चाई के लिए लड़ती है जबकि बीजेपी और आरएसएस कौरवों की तरह है, जो सिर्फ सत्ता के लिए लड़ते हैं।'

राहुल ने भाषण के आखिरी में पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने सभी मतभेदों को अलग ऱखते हुए 2019 के चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।

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