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आक्रामक राहुल का 'हिंदुत्व कार्ड', कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने का ऐलान - मांगी 15 दिनों की छुट्टी

रैली में आक्रामक रहे राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 'नरम हिंदुत्व' की रणनीति से पीछे नहीं हटेगी।

Updated on: 29 Apr 2018, 04:16 PM

highlights

  • दिल्ली के रामलीला मैदान से कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किया हमला
  • राहुल और सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की नाकामियों का जिक्र करते हुए बीजेपी पर साधा निशाना

नई दिल्ली:

रविवार को दिल्ली में आयोजित 'जन-आक्रोश रैली' में राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर हल्ला बोला।

राहुल ने इस मोदी सरकार की नाकामियों का जिक्र करते हुए अगले आम चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार रणनीति की रूप रेखा भी स्पष्ट कर दी।

रैली में आक्रामक रहे राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 'नरम हिंदुत्व' की रणनीति से पीछे नहीं हटेगी।

बीजेपी के 'उग्र हिंदुत्व' के जवाब में कांग्रेस, राहुल गांधी के नेतृत्व में 'नरम हिंदुत्व' का चेहरा पेश कर रही है। इसी कड़ी में गुजरात चुनाव में राहुल ने जमकर मंदिरों का दौरा किया था, जो कर्नाटक चुनाव में भी बदस्तूर जारी है।

दिल्ली के रामलीला मैदान से बोलते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस के 'नरम हिंदुत्ववादी' चेहरे को पेश किया। 

कर्नाटक के हुबली में लैंडिंग के वक्त विमान में आई खराबी का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि जब उनका विमान अचानक नीचे आया, तो उन्हें लगा की अब सब कुछ खत्म हो गया।

हालांकि उन पलों में उन्हें कैलाश मानसरोवर की याद आई और सब कुछ ठीक हो गया।

राहुल ने कहा, 'मैं दो-तीन दिन पहले कर्नाटक जा रहा था। मैं प्लेन में था। जब प्लेन अचानक 8 हजार फीट नीचे आ गया तो मैं अंदर से हिल गया और लगा कि अब गाड़ी गई। तभी मुझे कैलाश मानसरोवर याद आया।'

राहुल ने यह कहते हुए कार्यकर्ताओं से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए छुट्टी की मांग की।

राहुल ने कहा, 'अब मैं आपसे 10 से 15 दिन के लिए छुट्टी चाहता हूं ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा सकूं।'

गौरतलब है कि बीजेपी, कांग्रेस पर हिंदू विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाती रही है और पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की कई वजहों में से यह भी एक वजह थी।

हालांकि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इस छवि को तोड़ने में जुटी हुई है। राहुल ने गुजरात विधानसभा चुनाव में इसकी पहली झलक पेश की थी और अब वह समान रणनीति कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपना रहे हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल लगातार मंदिरों के दर्शन कर बीजेपी के 'उग्र हिंदुत्व' की काट के तौर पर कांग्रेस की तरफ से 'नरम हिंदुत्व' का विकल्प पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।

राहुल का कैलाश मानसरोवर जाने का बयान वैसे समय में सामने आया है, जब प्रधानमंत्री मोदी व्यस्तता की वजह से केदारनाथ के दर्शन को नहीं जा पाए। केदारनाथ मंदिर का कपाट रविवार को ही श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है।

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