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क्या विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से बदल गए हैं राहुल गांधी?

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में जीत मिलने से न केवल कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देखने का नज़रिया भी बदला है.

Updated on: 17 Dec 2018, 09:48 AM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के नतीजों को 2019 से पहले सेमीफ़ाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं इन चुनावों में जीत मिलने से न केवल कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देखने का नज़रिया भी बदला है. लोग उनमें एक परिपक्व राजनेता देखने लगे हैं. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि चुनाव नतीज़ों के बाद जब वे कैमरे के सामने आए तो लोगों के सामने आत्मविश्वास से भरा हुआ राहुल गांधी प्रकट हुआ.

ज़ाहिर है मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ताक़त के लिहाज से ज़्यादा मज़बूत राज्य है और इन राज्यों में कांग्रेस की जीत काफी मायने रखती है. यही वजह है कि राजनीतिक पंडित राहुल गांधी को 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए देखने लगे हैं.

यहां से बदले बदले नज़र अने लगे राहुल गांधी

11 दिसम्बर को मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ज़बरदस्त टक्कर दिख रही थी. ऐसे में राहुल गांधी ने परिपक्वता दिखाते हुए चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ़ होने का इंतज़ार किया और देर से प्रेस कॉफ्रेंस शुरू किया. राहुल जब कैमरे के सामने आए तो काफी परिपक्व नज़र आ रहे थे. राहुल नतीज़ों से उत्साहित होकर अनावश्यक बानबाजी करने से बचते नज़र आए.

उन्होंने कहा कि वे 2019 में नरेंद्र मोदी को हराएंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी को भारत से मुक्त नहीं करना चाहते हैं.

राहुल गांधी ने कांग्रेस के शानदार प्रर्दशन पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सिखाया कि 'क्या नहीं करना चाहिए'. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली हार से उन्होंने काफी कुछ सीखा है.

उन्होंने कहा, 'बेबाकी से कहूं तो नरेंद्र मोदी जी ने मुझे सबक सिखाया कि क्या नहीं करना चाहिए.'' राहुल ने कहा, 'पांच साल पहले उन्हें (मोदी को) इस देश में बदलाव लाने का बड़ा मौका दिया गया. दुखद चीज यह है कि उन्होंने देश की धड़कन सुनने से मना कर दिया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने युवाओं और किसानों की आवाज सुनने से इनकार कर दिया. राहुल ने जोर देकर कहा, 'थोड़ा अहंकार आ गया है. मेरा मानना है कि यह किसी नेता के लिए घातक होता है. उनके काम करने के तरीके से मैंने यह बात सीखी है. मेरे लिए इस देश के लोग ही सबसे अच्छे शिक्षक हैं.'

राहुल गांधी ने कहा कि 2014 के चुनाव से उन्हें जो सबसे अहम चीज सीखने को मिली, वह 'विनम्रता' है. उन्होंने कहा, 'यह एक महान देश है और इस देश में सबसे अहम चीज है कि लोग क्या मानते हैं.' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक नेता के तौर पर यह समझना होता है कि लोग क्या महसूस कर रहे हैं और वह जिस चीज को महसूस करते हैं, उससे जुड़ाव पैदा करना होता है.

राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं कल अपनी मां से बात कर रहा था और मैं उनसे कह रहा था कि मेरे लिए सबसे अच्छी बात कुछ हुई है तो वह है 2014 का (लोकसभा) चुनाव. मैंने उस चुनाव से काफी कुछ सीखा है.'

राहुल गांधी ने इस जीत के लिए सबकी भूमिका की बात करते हुए कहा, 'सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की.'

उन्होंने कहा, 'यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.'

राहुल गांधी ने तीनो राज्यों में सीएम उम्मीदवार चुनने के लिए लोकतांत्रिक प्रणाली पर दिया ज़ोर

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने पद की दावेदारी करने वाले सभी नेताओं को बुलाया, उनसे मुलाकात की और उनकी दलीलों को समझा. इतना ही नहीं विधायक दल की बैठक के दौरान राहुल गांधी का एक संदेश जारी हुआ जिसमें सभी विधायकों से स्वतंत्र रूप से उनकी राय पूछी गई. उनसे कहा गया कि वो बताएं कि वो किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि विधायकों द्वारा दिए गए सुझाव पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएंगे.

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जानकार बताते हैं कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री का चयन किया है. हालांकि सीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा के बाद समर्थकों द्वारा कई हिस्सों से हंगामा की ख़बर ज़रूर सामने आई है लेकिन उनसब पर समय रहते क़ाबू कर लिया गया है.