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मोदी सरकार और विपक्ष की तनातनी के बीच अब राफेल डील पर RTI के जरिए निकली ये नई बात

राफेल विमान सौदे (Rafale Deal) को विपक्ष चुनाव में मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिशों में है, लेकिन मोदी सरकार राफेल डील पर लगाए जा रहे आरोपों से इनकार कर रही है.

Updated on: 16 Jan 2019, 10:19 AM

नई दिल्‍ली:

राफेल विमान सौदे (Rafale Deal) को विपक्ष चुनाव में मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिशों में है, लेकिन मोदी सरकार राफेल डील पर लगाए जा रहे आरोपों से इनकार कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार पीएम मोदी (PM Modi) पर राफेल (Rafale) में घोटाला (Scam) का आरोप लगा रहे हैं. राहुल संसद से लेकर रैलियों में लगातार मोदी सरकार को राफेल पर घेरते नजर आते रहे हैं. उन्‍होने संसद के शीतकालीन सत्र में PM को 20 मिनट तक राफेल पर बहस की चुनौती दी थी. सत्‍ता पक्ष और विपक्ष की तनातनी के बाद अब राफेल डील को लेकर सूचना के अधिकार (RTI) के तहत एक नई बात सामने आई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने विवादित राफेल विमान करार के अपने Audit का ब्योरा देने से इनकार कर दिया है.

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पीटीआई के अनुसार सीएजी ने कहा कि राफेल करार के Audit की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और अभी इस पर कोई बात करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा. बता दें पुणे में रहने वाले कार्यकर्ता विहार दुर्वे की RTI के जवाब में सीएजी ने यह जानकारी दी.

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CAG ने कहा, ‘Audit जारी है और रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. यह सूचना आरटीआई कानून की धारा 8(1)(सी) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऐसा करना संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा.' पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने उन अर्जियों को खारिज कर दिया था जिनमें 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस के बीच हुए करार को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में फैसला लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है.

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इन अर्जियों में मांग की गई थी कि 58,000 करोड़ रुपए के करार में हुई कथित अनियमितता की जांच के लिए FIR दर्ज की जाए और मामले की छानबीन कोर्ट की निगरानी में कराई जाए. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल जेट्स की खरीद को लेकर हुई डील को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था.