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पुलवामा हमला: आलोचना होने पर बोले नवजोत सिंह सिद्धू, मेरी हर बात को पूरा नहीं दिखाया जाता

पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच सिद्धू ने पड़ोसी मुल्क के साथ बातचीत रखने का बयान दिया, जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना हुई.

Updated on: 16 Feb 2019, 06:59 PM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए. पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच सिद्धू ने पड़ोसी मुल्क के साथ बातचीत रखने का बयान दिया, जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना हुई. पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू की अपने बयान पर सफाई सामने आई है. उन्होंने कहा, 'जिन्होंने हमारे देश के जवान शहीद किये, हमारी पगड़ी पर दाग लगाया, हताहत किया, क्या उनकी वजह से देश का विकास रुक जाएगा. चार आतंकियों की वजह से देश का विकास नहीं रुकना चाहिए. जो हुआ बेहद दुखद हुआ.' उन्होंने आगे कहा, 'इस देश का सूबे का विकास कोई आतंकी गिरवी नहीं रखेगा. एक देश को आतंकियों के आगे कोई झुका नहीं सकता. यह बात बहुत स्पष्ट है इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू यहां है, घुटने टेकने वाला नहीं है.' सिद्धू ने कहा कि आतंकवाद का कोई देश, धर्म और मजहब नहीं होता. पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कस्ते हुए सिद्धू ने कहा कि अब वो 56 इंच का सीना कहां गया.

सिद्धू ने आगे कहा, 'ये दोबारा नहीं होना चाहिए, जो दोबारा 71 साल से हो रहा है वह नहीं होना चाहिए. मेरी हर बात की हर लाइन को पूरा नहीं दिखाया जाता.'

पकिस्तान जाने के मुद्दे पर सिद्धू ने कहा, 'मैं बुलावे पर एक दोस्त के नाते गया था, इस देश के पीएम तो बिना बुलावे के पाकिस्तान जाकर गले मिलकर आये थे. उनके आते ही पठानकोट में आतंकियों ने हमला कर दिया था. जब अटल जी पकिस्तान से आये थे तो कारगिल युद्ध हुआ था.' कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि किसी के पकिस्तान जाने का इन सब चीजों के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए.'

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पुलवामा में सीआरपीएफ हमले पर व्यापक निंदा और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अलग राय रखी और कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत जारी रहनी चाहिए. सिद्धू ने कहा, 'जहां कहीं भी युद्ध होते हैं व इस तरह (पुलवामा की तरह) की घटनाएं घटित होती हैं, इसके बीच संवाद भी जारी रहना चाहिए. इसका (भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों का) स्थायी हल खोजने की जरूरत है.'

सिद्धू ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले की निंदा की, जिसमें 45 जवान शहीद हो गए. लेकिन, उन्होंने कहा कि चंद लोगों की वजह से पूरे राष्ट्र (पाकिस्तान) को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.