logo-image

पुलवामा हमले पर भारत सरकार ने कहा, जवानों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों पर हुए हमले की भारत सरकार ने कड़ी निंदा की है और कहा है कि जवानों के खून का बदला लिया जाएगा.

Updated on: 15 Feb 2019, 11:21 AM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों पर हुए हमले की भारत सरकार ने कड़ी निंदा की है और कहा है कि जवानों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा. पुलवामा में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अवंतीपुरा में गुरुवार को छुट्टियों से लौट रहे सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर बड़ा हमला किया गया, जिसमें कम से कम 20 जवान शहीद हो गए और 40 से अधिक घायल हो गए. विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने इस आतंकी घटना को कायराना बताया. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात की और वे शुक्रवार को श्रीनगर का दौरा भी करेंगे.

वीके सिंह ने कहा, 'भारत का नागरिक और एक जवान होने के नाते, इस कायराना हमले पर मेरा खून खौल रहा है. पुलवामा में 18 (बाद में संख्या बढ़ गई) बहादुर सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए. मैं उनके नि:स्वार्थ बलिदान को सलाम करता हूं और वादा करता हूं कि हमारे जवानों के खून के हर बूंद का बदला लिया जाएगा. जय हिंद.'

आतंकियों के इस कायराना हमले की देश भर में निंदा कर रही है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल अहमद ने इस हमले को अंजाम दिया.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'हम इस कायराना हमले की निंदा करते हैं, शहीद हुए जवानों के परिजनों के प्रति हम सांत्वना व्यक्त करते हैं. मोदी सरकार के पिछले 5 सालों में यह 18वां बड़ा आतंकी हमला है. 56 ईंच की छाती कब जवाब देगी?'

अधिकारी ने कहा, 'राजमार्ग पर एक चलती कार के भीतर आईईडी लगाया गया था और जब कार सीआरपीएफ बस के समीप पहुंच गई तो उसमें विस्फोट कर दिया गया. यह बस जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहे सीआरपीएफ काफिले का हिस्सा थी.'

और पढ़ें : उरी के बाद CRPF पर सबसे बड़ा आतंकी हमला, फिदायीन हमले में 18 जवान शहीद, 7 दिन पहले ही जताई गई थी आशंका

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. खुद को जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था.