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Pulwama Attack : पाकिस्तान सिर्फ दिखावे के लिए कर रहा कार्रवाई, जैश के नेताओं को भेजा सेफ हाउस

मसूद अजहर सहित छह आतंकी सरगनाओं को सेना और isi की सुरक्षा में भेजने के बाद पाकिस्तान सरकार सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए कार्रवाई का बहाना बना रही है.

Updated on: 23 Feb 2019, 09:31 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने सिर्फ दिखावे के लिए जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि जैश के नेताओं को सेफ हाउस भेज दिया गया है. मसूद अजहर सहित छह आतंकी सरगनाओं को सेना और isi की सुरक्षा में भेजने के बाद पाकिस्तान सरकार सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए कार्रवाई का बहाना बना रही है. भारत की कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की ओर से ये तमाम कवायद की जा रही है.

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पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत की ओर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस पर पाकिस्तान सरकार भी सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर रही है. पाकिस्तान सरकार ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दफ्तर को कब्जे में लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, बहावलपुर में एक बहुत बड़ी मस्जिद है, जिसके अंदर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपना दफ्तर चलाता है और भारत के खिलाफ आतंकी षड्यंत्र रचता है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि उसने जैश के लीडरों को सेफ हाउस भेज दिया है. इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान अब भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह जैश के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उसे सुरक्षा मुहैया करा रहा है. बताया जा रहा है कि मसूद अजहर सहित 6 आतंकियों को सेना और आईएसआई की सुरक्षा में रखा गया है. इसके बाद पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए कहा कि उसने जैश-ए-मोहम्मद के दफ्तर को कब्जे में ले लिया और उनके सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई की.

कश्मीर के अवंतीपुरा में हैं जाकिर मूसा और जैश के बेस कैंप

कश्मीर के अवंतीपुरा में ही जाकिर मूसा और जैश-ए-मोहम्मद के बेसकैंप हैं, जहां कश्मीरी स्टूडैंट्स को ट्रेंड किया जा रहा है. वहीं से कश्मीर के बाहर देश के दूसरे राज्यों में आतंकवादियों को भेजा जा रहा है. पुलवामा से अवंतीपुरा तक का सफर सिर्फ 16 किलोमीटर है, जिसमें कई गांव आते हैं. इंटेलीजेंस को मिली जानकारी के मुताबिक, इन्हीं गांवों में लोकल कश्मीरी लोग आतंकियों को पनाह देते हैं और उन्हें सुरंगों के जरिए अवंतीपुरा स्थित बेसकैंप में भेजते हैं. इसको लेकर एजेंसियां इस रूट को ब्रेक करने की कोशिश में जुटी हैं.