Pulwama Attack : शहीद प्रदीप सिंह यादव के पिता ने कहा, 'सरकार कहे तो सही, मैं आज भी देश के लिए लड़ने को तैयार हूं'
रात में यह खबर आई तो परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.
लखनऊ:
कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश (UP) के कन्नौज जिले का लाल शहीद हो गया. कन्नौज की तिर्वा तहसील के सुखसेनपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी उस बटालियन में शामिल थे, जिसे आतंकियों ने अपना निशाना बनाया. रात में जब यह खबर आई तो परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा पूरे गॉव में शोक की लहर दौड़ गई. तीन दिन पहले यूपी के छिबरामऊ के शाहजहांपुर निवासी सेना में हवलदार रहे सूर्यप्रताप सिंह की कश्मीर के उरी में हुई मौत की खबर का गम कन्नौज जिला भूल भी नहीं पाया था कि गुरुवार को पुलवामा में हुई आतंकी घटना में जिले के एक और लाल की शहादत ने सभी को झकझोर दिया.
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तिर्वा के अजान-सुखसेनपुर निवासी प्रदीप सिंह यादव सीआरपीएफ (CRPF) में थे. गुरुवार को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में साथियों के साथ प्रदीप भी शहीद हो गए. शहादत की खबर से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. गांव में भी मातम का माहौल है. प्रदीप सिंह यादव श्रीनगर में 115 बटालियन में सिपाही थे. चार दिन पहले छुट्टी गुजार कर वापस लौटे थे. उनका पैतृक गॉव तिर्वा तहसील के सुखसेनपुर मैं आता है.
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पिता अमर सिंह यादव पुलिस विभाग से रिटायर हैं, दो भाइयों में प्रदीप सबसे बड़े थे, प्रदीप परिवार से अलग कानपुर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे , उनका मकान कानपुर के बारा सिरोही में है. वहां पत्नी नीरज देवी और दो बेटियां 10 वर्षीय सुप्रिया यादव और ढाई साल की सोना यादव है. 10 फरवरी को परिवार से विदा होकर वह जम्मू रवाना हुए थे.
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पत्नी नीरज यादव ने बताया कि वो अपने बच्चों के साथ परिवार से अलग रहतीं हैं आज उनके सामने एक बड़ा संकट आ गया है उनकी बेटियों की पढ़ाई अब कैसे होगी, उनके मकान पर भी LOAN है, शहीद प्रदीप के पिता अमर सिंह यादव ने कहा कि ये सब राजनीति की वजह से हुआ है, सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब नहीं देती और हमारे नौजवान शहीद हो रहे हैं, सरकार कहे तो सही मैं आज भी देश के लिए लड़ने को तैयार हॅूं. मेरा बेटा देश भक्त था जो चला गया, पर आगे कोई और बेटा किसी का शहीद न हो इसके लिये सरकार को अब कुछ कदम उठाने चाहिए.
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