Pulwama Attack : करतारपुर कॉरि़डोर पर पाकिस्तान से बातचीत रद कर सकता है भारत
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत रद कर सकता है.
नई दिल्ली:
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत रद कर सकता है. जल्द ही भारत-पाकिस्तान के बीच कॉरिडोर को लेकर वार्ता होने वाली थी, लेकिन पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन में दिख रही है. भारत कारतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान से बातचीत कैंसिल कर सकता है.
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गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर बनाने की नींव रखी गई थी. इससे उम्मीद की जा रही थी कि इस कॉरिडोर के माध्यम भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरेंगे. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के कारण भारत में करतापुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत रद करने पर विचार चल रहा है. इस कॉरिडोर बनने के बाद दोनों देशों में लोगों का आवागमन शुरू हो जाता, लेकिन भारत का कहना है कि जबतक पाकिस्तान अपनी करतूत से बाज नहीं आएगा, तबतक उससे किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं की जाएगी.
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भारत सरकार ने डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की, ताकि सिख श्रद्धालु गुरु नानक की कर्मस्थली करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें. इसी के साथ सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म हो गया था. बता दें कि सिख समुदाय के लिए करतार साहब काफी मायने रखता है. यह सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है, जहां गुरुनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताए. श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारे को पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी. हालांकि बाद में रावी नदी में बाढ़ के कारण यह बह गया था. इसके बाद वर्तमान गुरुद्वारा महाराजा रंजीत सिंह ने बनवाया था.
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1947 में हुए बंटवारे के बाद सिखों की अरदास में इस लाइन को जोड़ा गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत-पाक बंटवारे के बाद सिखों के कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे पाकिस्तान की तरफ रह गए. इनमें पंजा साहिब, ननकाना साहिब, डेरा साहिब लाहौर और करतारपुर साहिब शामिल हैं. इन गुरुद्वारों में भारतीयों के जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. हालांकि कॉरिडोर बनने पर करतारपुर साहिब के लिए स्लिप दी जाएगी जिस पर शाम तक लौटना होगा.