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रिलीज से एक दिन पहले भी 'पद्मावत' पर नहीं थमी हिंसा, हरियाणा और जम्मू में तोड़फोड़ और आगजनी

बता दें कि मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म 'पद्मावत' पर रोक लगाने के राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों के अंतिम प्रयास को खारिज कर दिया था।

Updated on: 24 Jan 2018, 09:14 PM

नई दिल्ली:

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' के विरोध में हिंसक प्रदर्शन का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी है। बुधवार को गुरुग्राम के सोहना रोड पर उग्र भीड़ ने एक रोडवेज बस में आग लगा दी।

इसके अलावा एक अन्य घटना में प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बस को निशाने पर लेते हुए तोड़फोड़ किया। बता दें कि गुरुग्राम में मंगलवार से ही धारा 144 लागू है।

इतना ही नहीं जम्मू के इंदिरा सिनेमा हॉल में भी उग्र भीड़ ने काफी तोड़-फोड़ मचाई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक प्रदर्शनकारी पद्मावत के विरोध में नारे लगा रहे थे। 

प्रदर्शनकारियों ने वहां फर्नीचर व अन्य सामग्रियों को तोड़ दिया और आग लगाने की कोशिश की, लेकिन समय रहते प्रत्यक्षदर्शियों और थियेटर कर्मचारियों ने इसे बुझा दिया। पुलिस ने बाद में इन प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। 

वहीं राजस्थान में प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ क़िला के आसपास के इलाक़ो में प्रदर्शन किया।

पटना में भी अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया, वहीं नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में सिनेमा हॉल में तोड़फोड़ की गई। 

फिल्म 'पद्मावत' के विरोध में राष्ट्रीय राजपूत महासभा द्वारा बिहारशरीफ में 'आक्रोश मोटरसाइकिल रैली' और पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस दौरान 'किसान सिनेमा हाल' में आक्रोशित लोगों ने तोड़फोड़ की व कई वाहनों के शीशे तोड़ डाले और सिनेमा हॉल के बाहर लगे फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले।

राजपूत करणी सेना संगठन के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा के गुरुग्राम में INOX गुड़गांव ड्रीम्ज़ के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। गुरुवार को यहां पर फिल्म दिखाई जाएगी।  

हरियाणा कानून व्यवस्था एडीजीपी (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस) मोहम्मद अकील ने कहा, 'राज्य में क़ानून-व्यवस्था नियंत्रण में है। कुछ इलाक़ों में हिंसा की घटना हुई थी लेकिन अब मामला पर क़ाबू पाया जा चुका है। साथ ही इस घटना में शामिल गुंडो पर तत्काल कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।'

आगे उन्होंने कहा, 'अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के आदेश दे दिए गए हैं। सभी पुलिसकर्मियों को राज्य में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश देते हुए उन्हें अलग-अलग इलाक़ों में तैनात कर दिया गया है। सभी संवेदनशील इलाक़ों में पहले से ही सावधानी बरतते हुए गुरुवार के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।'

बता दें कि मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म 'पद्मावत' पर रोक लगाने के राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों के अंतिम प्रयास को खारिज कर दिया था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, 'लोगों को समझना चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया है और उसका पालन हर हाल में किया जाना चाहिए।'

मिश्रा ने कहा, 'हमारे आदेश का पालन प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए। कुछ सौ लोग सड़कों पर उतरकर प्रतिबंध की मांग करते हुए कानून व्यवस्था को खराब करने के हालात पैदा करते हैं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।'

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद भी मंगलवार को देशभर के कई हिस्सों में राजपूत करणी सेना संगठन ने तोड़फोड़ की। 

पद्मावत विवाद: करणी सेना की गुंडई, गाड़ियों में लगाई आग, गुरुग्राम में धारा 144 लागू

मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में कई मॉल में फिल्म का विरोध कर रहे लोगों ने आगजनी की। हिमालयन मॉल में उपद्रवियों बाहर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। वह भी तब जबकि मल्टिप्लेक्स के बाहर ही यह लिखा हुआ था कि यहां पद्मावत फिल्म नहीं दिखाया जाएगा।

पद्मावत के विरोध पर केजरीवाल बोले ऐसे कैसे आएगा निवेश

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजपूत समूह के हिंसक प्रदर्शन के बीच विवादास्पद फिल्म 'पद्मावत' की सुरक्षित रिलीज को सुनिश्चित करने में केंद्र और राज्य सरकारों की असमर्थता पर सवाल उठाए।

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'अगर सभी राज्य सरकारें, केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय एक साथ मिलकर एक फिल्म की सुरक्षित रिलीज नहीं करा सकते और इसे चला नहीं सकते तो हम कैसे निवेश के प्रवाह की उम्मीद कर सकते हैं।'

उन्होंने कहा, 'विदेशी निवेश (एफडीआई) को तो भूल ही जाइए, यहां तक कि स्थानीय निवेशक भी दुविधा में होंगे। यह पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है। नौकरियों के लिए भी खराब है।'

यह ट्वीट 'पद्मावत' का मुखर रूप से विरोध कर रही करणी सेना की लगातार धमकियों के बाद आया है। सेना ने कहा है कि उसके कार्यकर्ता संजय लीला भंसाली के निर्दशन में बनी फिल्म को सिनेमा घरों में प्रदर्शित नहीं होने देंगे क्योंकि फिल्म में राजपूत रानी पद्मावती की छवि का चित्रण कम सम्मानित किया गया है।

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