logo-image

आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी, एक हफ्ते में कानून को अंतिम रूप देगी सरकार

ट्वीटर पर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा गया है कि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान (124वां संशोधन) क़ानून 2019 को मंजूरी दे दी है.

Updated on: 12 Jan 2019, 09:20 PM

नई दिल्ली:

सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण को अब राष्ट्रपति की अंतिम मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है. इस बारे में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना में कहा गया है, भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संविधान (124वां संशोधन) क़ानून 2019 को मंजूरी दे दी है. इस क़ानून बनने के बाद सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण मिला पाएगा.'

यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है. इसके तहत आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा. इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पारित हुआ था. राज्यसभा में करीब 10 घंटे चली चर्चा के बाद इस विधेयक के पक्ष में 165 वोट पड़े और विरोध में सिर्फ 7 वोट डाले गए. इस अहम बिल के दौरान चर्चा में राज्यसभा के कुल 39 सदस्यों ने हिस्सा लिया.

और पढ़ें- गरीब सवर्णों को भी सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का बिल राज्यसभा से पारित

इससे पहले लोकसभा में मंगलवार को 323 वोटों के साथ यह विधेयक पारित हुआ था और विपक्ष में 3 वोट पड़े थे. अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की 50 फीसदी आरक्षण की सीमा 60 फीसदी हो जाएगी.