राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, असहिष्णु भारतीयों के लिए देश में कोई जगह नहीं
राष्ट्रपति ने यह बात केरल के कोच्चि में एक लेक्चर के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश में आलोचना और सहमति के लिए जगह होनी चाहिए।
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केरल में एक लेक्चर के दौरान कहा कि असहिष्णु लोगों के लिए भारत में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत पुराने समय से ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सोच और भाषण का पक्षधर रहा है।
राष्ट्रपति ने यह बात केरल के कोच्चि में छठे के.एस. राजामोनी लेक्चर के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश में आलोचना और सहमति के लिए जगह होनी चाहिए।
इस लेक्चर के दौरान उन्होंने कहा कि जब एक महिला के प्रति घिनौना व्यवहार करते हैं तो हमारी सभ्यता की आत्मा को चोट पहुंचती है। उन्होंने कहा कि मैं उस समाज को सभ्य नहीं मानता हूं जहां के नागरिक महिलाओं के प्रति सभ्य बर्ताव नहीं करते हैं।
There should be no room in India for intolerant Indian.India has been since ancient times a bastion of free thought,speech & expression-Pres pic.twitter.com/Fo8NBmXMvP
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
There must be space for legitimate criticism and dissent: President Pranab Mukherjee at 6th K.S. Rajamony Memorial Lecture in Kochi, Kerala pic.twitter.com/LvWBord2FS
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
When we brutalise a woman,we wound the soul of our civilisation.Acid test of any society is its attitude towards women and children: Pres pic.twitter.com/lSPUk87MKv
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
The time has come for collective efforts to re-discover the sense of national purpose and patriotism: President Pranab Mukherjee pic.twitter.com/BemAb27yyB
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
It is tragic to see them (those in Universities) caught in the vortex of violence and disquiet: President Pranab Mukherjee in Kochi pic.twitter.com/TeLnYpIPLn
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
माना जा रहा है कि दिल्ली में रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद राष्ट्रपति का यह बयान आया है। अभी दो दिन पहले ही दिल्ली के रामजस कॉलेज में महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की हुई थी।
वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से देशभक्ति और राष्ट्रीय उद्देश्य के बारे में सोचना होगा। इसके लिए सामूहिक रूप से सभी को काम करना होगा। उन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों में रहे घटनाक्रम पर चिंता जताई और कहा ऐसा देखना दुखद है।
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राष्ट्रपति के इस लेक्चर के बाद बीजेपी के प्रवक्ता वीएल नरसिंह राव ने कहा कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का संबोधन पूरे देश के लिए संदेश है ना कि किसी एक के लिए।
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