प्रशांत भूषण ने भी राफेल सौदे की जेपीसी जांच कराने की मांग की
भूषण ने कहा कि इस सौदे के जरिए देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया, क्योंकि लड़ाकू विमान खरीद संख्या मूल रूप से निर्धारित 126 से घटाकर 36 कर दी गई है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए रविवार को यहां कहा कि यह विमान सौदा भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है. भूषण ने कहा कि इस सौदे के जरिए देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया, क्योंकि लड़ाकू विमान खरीद संख्या मूल रूप से निर्धारित 126 से घटाकर 36 कर दी गई है.
भूषण ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार को इस सौदे की जेपीसी जांच के आदेश देने चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस सौदे में राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लड़ाकू विमान का विनिर्माण करने के लिए प्रौद्योगिकी हासिल करने का एक मौका उससे छीन लिया गया.
भूषण ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने रक्षा उपकरण खरीद में निर्धारित प्रक्रिया को भी दरकिनार कर दिया.
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प्रशांत के अनुसार, रक्षामंत्री, वायुसेना और विदेश मंत्रालय को इस सौदे के बारे में अंधेरे में रखा गया.
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