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डोकलाम विवाद के बाद भारत सतर्क, चीन सीमा पर मज़बूत करेगा सुरक्षा और बुनियादी सुविधाएं

भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा और सीमा पर बुनियादी विकास की समीक्षा को लेकर सरकार एक स्टडी ग्रुप गठित करने जा रही है।

Updated on: 02 Oct 2017, 11:48 PM

नई दिल्ली:

डोकलाम में हुए तनाव के बाद केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा को लेकर सतर्कता बरत रहा है। वहां पर सुरक्षा और सीमा पर बुनियादी विकास की समीक्षा को लेकर सरकार एक स्टडी ग्रुप गठित करने जा रही है।

सरकार की नई योजना के अनुसार सीमांत पर रहे रहे लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने पर विशेष ज़ोर होगा। स्टडी ग्रुप सीमा से सटे राज्यों की सरकारों और दूसरे प्रतिनिधिमंडलों से चर्चा करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा और केंद्रीय गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

हाल ही में उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेकर आए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि एक समूह तैयार किया जाएगा और 4000 किलोमीटर की भारत-चीन सीमा से जुड़े विभिन्न पहुलुओं का अध्ययन कर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा।

चमोली जिले में आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि ग्रुप इस पर भी विचार करेगा कि सीमा से लगती सड़कों के निर्माण में तेजी लाई जा सके।

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उन्होंने इन इलाकों में सरकार की तरफ से सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने जोशीमठ में कहा था कि सीमाओं पर रहने वाले लोग 'रणनीतिक संपत्ति' होते हैं और इन्हें महत्व देने की ज़रूरत है।

उन्होंने सीमा सुरक्षा में लगे बलों जैसे आईटीबीपी को यह सुनिश्चित करने की अपील की कि सीमाई इलाकों में रह रहे लोगों में पलायन को रोका जाए।

आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'स्थानीय लोग देश की आंख और कान होते हैं। अगर वो वहां नहीं हैं तो ये चिंताजनक बात होगी।'

अधिकारी ने कहा, 'स्टडी ग्रुप इन मसलों के अलावा चीन की सीमा पर सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाने के लिये दूसरे और क्या उपाय किये जा सकते हैं इसका विश्लेषण करके सुझाव देगा।'

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गृह मंत्रालय ने एक हाल ही में एक स्टडी ग्रुप गठित किया है जो उन नियमों का अध्ययन करेगा जिसके तहत भारत में म्यांमार के नागरिक सीमा के अंदर 16 किलोमीटर तक आ सकते हैं। क्योंकि इनका इस्तामाल आतंकी संगठन हथियारों, मादक पदार्थों और नकली नोटों की स्मगलिंग के लिये इस्तेमाल किया जाता है।

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