पीएम नरेंद्र मोदी के गैर-राजनीतिक इंटरव्यू के 'राजनीतिक' मायने, दिया विपक्ष के हर आरोप का जवाब
बेहद सधे तरीके से कुछ ऐसे सवाल भी हुए, जिनको लेकर पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर रहे हैं.
नई दिल्ली.:
कहते हैं राजनीति में कोई भी चीज यूं ही नहीं होती है. हरेक चीज के अपने मायने होते हैं. फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिया गया इंटरव्यू भी इसका अपवाद नहीं है. बेहद सधे तरीके से कुछ ऐसे सवाल भी हुए, जिनको लेकर पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर रहे हैं. जाहिर है उनके जवाबों ने न सिर्फ एक तरह से पीएम मोदी की सफाई या पक्ष को सामने रखा, बल्कि उनकी बदौलत वह अपनी छवि को मजबूत करने में भी कामयाब हो गए.
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मां से जुड़े सवाल के निहितार्थ
कई विपक्षी नेता प्रधानमंत्री मोदी पर आक्षेप लगा चुके हैं कि जो शख्स अपनी मां और पत्नी का नहीं हुआ, वह देश की महिलाओं की सुरक्षा-सम्मान की रक्षा कैसे करेगा... इसका जवाब अक्षय कुमार के उस प्रश्न में निहित था जो उन्होंने पीएम मोदी से उनकी मां को लेकर पूछा. अक्षय ने पूछा था कि पीएम मोदी का मन अपनी मां के साथ रहने का नहीं करता? इसका जवाब आया कि वह बचपन में ही सांसारिक जीवन त्याग कर अध्यात्म की ओर उन्मुख हो गए थे. ऐसे में शुरुआती विछोह भाव के बाद अब उनके लिए सांसारिक मोह-माया मायने नहीं रखते हैं. यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि उनकी मां कहती हैं कि वह (प्रधानमंत्री मोदी) उनके पीछे समय बर्बाद नहीं करें.
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'नामदार बनाम कामदार'
इसी तरह पीएम पर एक आरोप खासकर कांग्रेस की ओर से लगता रहा है 'सूट-बूट की सरकार' या 'मोदी इतने महंगे कपड़े पहनते हैं' या 'मोदी के पास इतने जोड़ी जूते हैं' आदि-आदि. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्षय कुमार के ही एक और प्रश्न के जवाब में सफाई पेश की. अक्षय ने सवाल पूछा था कि आप की दाढ़ी और कुर्ते फैशन या स्टाइल स्टेटमेंट बन गए हैं. इस पर पीएम मोदी ने बताया कि उनका जीवन कठिनाइयों के बीच गुजरा. वह खुद कपड़े धोते थे और समय बचे इसके लिए उन्होंने अपने पूरी बांह वाले कुर्ते को खुद ही फाड़ कर आधी बांह वाला बना लिया. यानी साफ कपड़े पहनना उनका शौक है, महंगे नहीं. सबसे बड़ी बात यह शौक भी उन्हें अपने मन में बैठी 'हीन भावना' से उपजा. यानी 'नामदार बनाम कामदार' नारे को और पुख्तापन देने वाला जवाब.
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'टॉयलेट-एक प्रेम कथा'
इसी तरह अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म 'टॉयलेट-एक प्रेम कथा' को आधार बनाते हुए 9 करोड़ शौचालय पर सवाल पूछ लिया. यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी मीडिया और कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा समय-समय पर उठाया जाता रहा है. पीएम मोदी ने जवाब भी ऐसा दिया कि विरोधियों के सारे सवाल ध्वस्त. उनका कहना था सामाजिक मुद्दों पर बात करना और उनके बारे में जानना बचपन से ही आ गया था. लोगों से मेल-मुलाकात में उनकी छोटी-छोटी समस्याओं को जानने का मौका मिला. इसीलिए पीएम बनते ही वह काम शुरू किए जो आम आदमी के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाले थे.
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दुर्भावना से प्रेरित राजनीति
सोशल मीडिया पर चुनावी जंग में बीजेपी को बढ़त या वर्चस्व के लिए काफी धन खर्च किया जा रहा है...जैसे आरोपों का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रश्नकर्ता अक्षय कुमार की पत्नी टि्वंकल खन्ना को आधार बना कर दिया. सवाल था कि सोशल मीडिया पर चलने वाली मीम्स को देख कर क्या गुस्सा नहीं आता और क्या वे खुद सभी आने वाले सवालों को देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि इससे मुझे पता चलता है कि मेरे देश के आम आदमी का रचनात्मक स्तर क्या है. वे इसके जरिए अपनी बात करते हैं, तो मजा लेता हूं. हां, कभी-कभी कुछ बातें या चीजें सिर्फ दुर्भावना से प्रेरित होती हैं, तो उन्हें नजरअंदाज कर देता हूं.
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