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राजनीतिक दलों ने शरियत कोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया नामंजूर

भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने देशभर के सभी जिलों में शरियत अदालत की स्थापना को एकसिरे से खारिज कर दिया है।

Updated on: 09 Jul 2018, 10:28 AM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने देश भर के सभी जिलों में शरियत कोर्ट की स्थापना के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इसका प्रस्ताव दिया था।

सांसद लेखी ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि भारत में ऐसी अदालत के लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि यह 'इस्लामी गणराज्य' नहीं है।

उन्होंने कहा,'आप जब चाहे धार्मिक मामलों पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन शरीयत कोर्ट के लिए किसी भी जिले, गांव या शहर स्तर पर कोई जगह नहीं है। भारत इस्लामी गणराज्य नहीं है।'

वहीं केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने कहा,'अगर शरियत कोर्ट बन गया तो उस कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला भारतीय संविधान के खिलाफ होगा और इसलिए इसलिए लागू नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि ऐसी अदालत का विरोध कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी किया।

उन्होंने कहा,'किसी विशेष धर्म के विशेष प्रावधान का हमेशा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा ख्याल रखा जाता है और इसलिए किसी अन्य अदालत की आवश्यकता नहीं है।'