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त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा पर गृह मंत्रालय सतर्क, बीजेपी-वाम में ठनी, कई इलाकों में धारा 144

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में हिंसा भड़क उठी है। चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आईपीएफटी के गठबंधन को बड़ी जीत मिली है।

Updated on: 06 Mar 2018, 05:55 PM

highlights

  • विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में हिंसा भड़क उठी है
  • चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आईपीएफटी के गठबंधन को बड़ी जीत मिली है

नई दिल्ली:

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में हिंसा भड़क उठी है। चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आईपीएफटी के गठबंधन को बड़ी जीत मिली है।

राज्य में भड़की हिंसा को लेकर कई इलाकों में धारा 144 लगाई जा चुकी है। हालांकि तनाव की बढ़ती स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने की दिशा में पर्याप्त कदम उठाने को कहा है।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'राज्य में कानून और व्यवस्था के साथ शांति की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल औ राज्य पुलिस बल के जवान तैनात हैं।'

इस बीच केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने राज्य के मुख्य सचिव संजीव रंजन और पुलिस महानिदेशक ए के शुक्ला से बात कर सभी संभावित उपाय करने को कहा है। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय और डीजीपी से बात की है।

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गौरतलब है कि शनिवार को चुनावी नतीजे आने के बाद से ही राज्य में कई अलग-अलग इलाकों में छिटपुट हिंसा हो रही है।

स्थिति उस वक्त और अधिक तनावपूर्ण हो गई जब रूसी समाजवादी क्रांति के अगुवा ब्लादिमीर लेनिन की 11.5 फीट ऊंची फाइबर की मूर्ति को सोमवार शाम को कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर से गिरा दिया।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का कहना है कि इस मूर्ति को बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने गिराया वहीं बीजेपी कह रही है कि इस मूर्ति को वामपंथ के सताए लोगों ने ढहाया है।

माकपा नेता हरिपदा दास ने मंगलवार को कहा, 'बीजेपी समर्थक बेलोनिया में सरकारी कॉलेज के पास लेनिन की मूर्ति गिराने के बाद 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे।'

उन्होंने कहा कि इस मूर्ति को अगरतला से 90 किलोमीटर दूर दक्षिण त्रिपुरा के जिला मुख्यालय बेलोनिया में एक वर्ष पहले लगाया गया था।

हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जिन्हें वामपंथ के 25 सालों के शासनकाल के दौरान सताया गया, उन्होंने ही शायद लेनिन की मूर्ति गिराई होगी।

सिंह ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा हिंसा नहीं फैलाती है लेकिन वामपंथ की विचारधारा ऐसा करती है।' उन्होंने कहा, 'वामपंथ ने कई लोगों को सताया है और उन्हीं में कुछ लोगों ने इसका बदला लिया होगा।'

सिंह के साथ ही बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लेनिन की मूर्ति गिराए जाने की घटना का बचाव किया है।

लेनिन को 'आतंकी' बताते हुए स्वामी ने कहा कि क्या ऐसे व्यक्तियों की मूर्ति को देश में स्थापित किया जा सकता है।

स्वामी ने कहा, 'लेनिन विदेशी था। वह अपने तरीकों की वजह से आतंकी था क्योंकि उसने रूस में तानाशाही लगाने के बाद कई लोगों कीक हत्या करवाई। आपऐसे लोगों की मूर्ति को देश में लगाना चाहते हैं?'

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