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आज़ाद के 'हिंदू भाई प्रचार के लिए नहीं बुलाते' वाले बयान पर बवाल, बीजेपी, ओवैसी ने कही यह बड़ी बात

राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद के 'हिंदू भाई प्रचार के लिए नहीं बुलाते' वाले बयान पर राजनीतिक तूफ़ान मच गया है.

Updated on: 18 Oct 2018, 10:29 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद के 'हिंदू भाई प्रचार के लिए नहीं बुलाते' वाले बयान पर राजनीतिक तूफ़ान मच गया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज़ाद के इस बयान को हिंदुओं का अपमान बताया है. संबित पात्रा ने कहा कि आज़ाद ने हिंदुओं को नीचा दिखाने की कोशिश की है, यह निंदनीय है.

वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा दिख गया है. ओवैसी ने कहा, 'यह उनकी पार्टी के विचार को दर्शाता है. साफ़ है कि कांग्रेस के अंदर रहते हुए आज़ाद कितना निराश और ख़ुद को मजबूर महसूस करते हैं. इसलिए भारत के मुस्लिमों को अब कांग्रेस को वोट नहीं करना चाहिए.'

बता दें कि इससे पहले बुधवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान आज़ाद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब उन्हें हिंदू भाई प्रचार के लिए नहीं बुलाते हैं.
ग़ुलाम नबी ने कहा कि वक्त बदल रहा है. लोग बंट रहे हैं, परिवार आपस में बंट रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'अब कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवार मुझे चुनाव में प्रचार के लिए नहीं बुलाते क्योंकि उन्हें वोट कटने का डर होता है.'

गुलाम नबी ने कहा कि पहले वह कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न जगहों पर जाते थे, पर अब हिंदु नेता अपना वोट बैंक कम होने के डर से उन्हें नहीं बुलाते हैं.

उन्होंने कहा, 'मैंने पाया है कि बीते चार सालों में अपने कार्यक्रमों में बुलाने वाले 95 फीसदी हिंदू भाई और नेता अब घटकर 20 फीसदी हो गए हैं.'

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उन्होंने पहले के चुनाव प्रचार प्रक्रिया को याद करते हुए कहा कि जब वह युवा कांग्रेस में थे तब से ही अंडमान-निकोबार से लेकर लक्षद्वीप तक, देश के हर कोने में प्रचार के लिए जाते थे. इस बयान के जरिये उन्होंने वर्तमान केंद्र सरकार को इस बात का जिम्मेदार ठहराया कि उन्होंने हिंदु मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण किया है.