logo-image

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को रोकने वाले 2000 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा, महिलाओं के मंदिर प्रवेश को लेकर जो पुलिस कमेटी की तरफ से सुझाव दिए गए हैं हम उनपर विचार कर रहे हैं कि कैसे उनकी सुरक्षा वहां की जा सकती है।

Updated on: 26 Oct 2018, 04:19 PM

नई दिल्ली:

केरल के सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बाद भी महिलाओं को प्रवेश नहीं मिलने और हिंसा के मामले में राज्य के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा कि जिन लोगों ने महिलाओं को जाने से रोका उनके खिलाफ 450 केस दर्ज किए गए हैं जबकि 2000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, हमने ऐसे कई और लोगों की पहचान की है जिसकी जल्द ही गिरफ्तारी होगी। हम कानून के हिसाब से कार्रवाई करेंगे।

डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो पुलिस कमेटी की तरफ से सुझाव दिए गए हैं हम उनपर विचार कर रहे हैं कि कैसे उनकी सुरक्षा वहां की जा सकती है। हम राज्य सरकार से भी बात कर रहे हैं और अभी हम किसी फैसले पर नहीं पहुंचे हैं।

क्या है पूरा मामला

सबरीमाला परिसर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पहले रोक थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है. केंद्र ने केरल सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाया है. सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. सोमवार को मंदिर के कपाट बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पंबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई है. बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की है.

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारी संस्कृति में महिला का स्थान आदरणीय है। यहां महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है और मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है.