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PNB घोटाला: SWIFT के गलत इस्तेमाल की RBI ने दी थी बैंकों को चेतावनी, फर्जीवाड़ा रोकने के लिये गठित किया पैनल

पीएनबी घोटाले की जांच के बीच रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा है कि उसने स्विफ्ट सिस्टम के गलत इस्तेमाल की चेतावनी बैंकों को गुप्त तरीके से दी थी। आरबीआई ने बढ़ती फर्जीवाड़े की घटनाओं की जांच के लिये एक पैनल गठित करने का फैसला भी किया है।

Updated on: 20 Feb 2018, 10:38 PM

नई दिल्ली:

पीएनबी घोटाले की जांच के बीच रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा है कि उसने स्विफ्ट सिस्टम के गलत इस्तेमाल की चेतावनी बैंकों को गुप्त तरीके से दी थी।
आरबीआई ने बढ़ती फर्जीवाड़े की घटनाओं की जांच के लिये एक पैनल गठित करने का फैसला भी किया है।

देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी में 11, 000 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़े का शुलासा हुआ है। जिसमें जूलरी डिज़ाइनर नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार मेहुल चोकसी
शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी एलओयू के माध्यम से लोन लिया है।

इस फर्जीवाड़े की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। जिसमें सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और आयकर विभाग शामिल हैं।

एक बयान जारी कर आरबीआई ने कहा है कि देश में निगरानी को बेहतर करने के लिये चल रही कोशिशों के तहत विवेकपूर्ण निगरानी से संबंधित सभी बैंकों को समय-समय पर
एडवाइज़री जारी की जाती रही है। जिसमें बैंकों के काम करने से संबंधित संभावित खतरों का मैनेजमेंट भी शामिल है।

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बयान में कहा गया है कि स्विफ्ट सुविधा जिसका उपयोग बैंक अपने बिजनेस की ज़रूरतों के लिये करते हैं उनके गलत इस्तेमाल से संबंधित संभावित खतरों के बारे में भी बताया
जाता रहा है।

इसमें कहा है, 'आरबीआई इसे देखते हुए बैंकों को गुप्त तरीके से इस बारे में अगस्त 2016 से कम से कम तीन बार सावधान किया गया था कि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता
है। साथ ही कहा गया था कि वो इसके लिये सुरक्षा के मानकों को लागू करें।'

बयान में कहा गया है, 'स्विफ्ट से संबंधित फर्जीवाड़े को देखते हुए जिसमें बड़ी राशि शामिल है जैसा कि पीएनबी ने जानकारी दी है, आरबीआई दोहराती है कि सभी बैंक गुप्त निर्देशों
का जरूरी तरीके से लागू करें। इसके साथ ही सुझाए गए कदमों को लागू कर स्विफ्ट सिस्टम को मजबूत करें।'

आरबीआई इस संबंध में आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स के पूर्व सदस्य वाई एच मालेगम की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित करने का फैसला लिया है।

आरबीआई का कहना है कि ये कमिटी फ्रॉड का बढ़ते कारणों का पता लगाएगी और रोकने के उपाय बताएगी। बैंकों में होने वाले ऑडिट को और कैसे पुख्ता किया जाये इसपर सुझाव
देगी।

इसके साथ ही वो असेट क्लासीफिकेशन और क्रेडिट पोर्टफोलियो के साथ निगरानी की समीक्षा और फर्जीवाड़े के मामलों को रोकने संबंधी उपायों को रोकने के लिये सुझाव भी देगी।

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इस पैनल के सदस्य आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स के सदस्य भरत दोषी, केनरा बैंक के पूर्व सीएमडी और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एस रमन, रिज़र्व बैंक इंफॉर्मेशन
टेक्नोलॉजी के नंद कुमार सरवाड़े चीफ एक्जेक्यूटिव ऑफिसर जैसे नाम शामिल हैं।

आरबीआई के एक्जेक्यूटिव डायरेक्टर एके मिश्रा समिति के सदस्य सचिव होंगे।

SWIFT (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलिकम्यूनिकेशन) सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जिससे पूरी दुनिया में सुरक्षित फाइनेंनशियल मैसेजिंग की जाती है। ये
इंक्रिप्टेड होती है और इसकी सुरक्षा काफी मज़बूत होती है।

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