PNB घोटाला: CBI ने इंटरपोल से निशाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की
सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के भाई निशाल मोदी के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने की मांग की है।
highlights
- सीबीआई को ब्रिटेन में नीरव मोदी सहित अन्य भगोड़ों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली
- जांच एजेंसी ने नीरव मोदी के भाई निशाल मोदी के खिलाफ इंटरपोल से आरसीएन की मांग की
- इससे पहले सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ भी आरसीएन की मांग की थी
नई दिल्ली:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के भाई निशाल मोदी के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने की मांग की है।
दो दिन पहले ही सीबीआई ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी।
जांच एजेंसी ने निशाल मोदी के कर्मचारी सुभाष पारब के लिए भी इंटरपोल से आरसीएन की मांग की है।
बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के द्वारा भारतीय पासपोर्ट का उपयोग कर यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
अगर कोई अपराधी आरसीएन जारी होने के बाद किसी तरह से ऐसी कोशिश करता है तो इंटरपोल के जरिये भारतीय एजेंसियों को अलर्ट किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई को ब्रिटेन में नीरव मोदी सहित अन्य भगोड़ों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली है।
इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने बताया था कि नीरव मोदी के ठिकानों के बारे में जांच एजेंसी को कोई जानकारी नही हैं।
हाल ही में आयी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत से फरार होकर लंदन में शरण लिए हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने राजनीतिक शरण की मांग की थी।
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बता दें कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी कई बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को घोटाले की रकम को नहीं लौटाने की बात कह चुके हैं।
क्या है पीएनबी घोटाला:
पंजाब नेशनल बैंक ने 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के बारे में 14 फरवरी को जानकारी दी थी, जिसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के चेयरमैन मेहुल चोकसी ने पीएनबी के एक ब्रांच से फर्जी एलओयू के जरिये विदेशों में दूसरे भारतीय बैंकों से पैसे निकाले थे।
मामले की जांच के बाद बैंक के करीब 1,300 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला और सामने आया था।
यह घोटाला 2011 में ही शुरु हुआ था और इस साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में सामने आया था जिसके बाद पीएनबी अधिकारियों ने संबंधित एजेंसियों को इसकी सूचना दी थी।
पीएनबी ने इस मामले में सीबीआई के समक्ष 13 फरवरी को दूसरी एफआईआर फाइल की थी। इससे पहले सीबीआई ने 28 जनवरी को पीएनबी से पहली शिकायत प्राप्त की थी और 28 जनवरी को केस दर्ज किया था।
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब विदेश में स्थित भारतीय बैंकों ने पीएनबी से पैसों की मांग की थी। इस मामले में सीबीआई और ईडी बैंक अधिकारियों, गीतांजलि ग्रुप के अधिकारियों, नीरव मोदी ग्रुप के अधिकारी सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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