PNB घोटाला: अरुण जेटली ने तोड़ी चुप्पी, कहा- बैंक से धोखाधड़ी करने वालों को सरकार छोड़ेगी नहीं
11,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वो ऐसे लोगों को पकड़ें जो बैंकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।
नई दिल्ली:
11,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो ऐसे लोगों को पकड़ें जो बैंकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक में हुए घोटले के लिये ऑडिटर्स और बैंक मैनेजमेंट को भी जिम्मेदार माना है जो इस मामले में ढिलाई बरतते आ रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार बैंकिंग सिस्टम से धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी और उन्हें नहीं छोड़ेगी। वित्त मंत्री जेटली दिल्ली में असोसिएशन्स ऑफ डेवेलपिंग फाइनेंसिंग इंस्टिट्यूशन इन एशिया ऐंड पेसिफ़िक (ADFIAP) के सालाना कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, 'जब मैनेजमेंट को अधिकार दिये गए हैं तो उम्मीद की जाती है कि वो अपने अधिकार का प्रयोग प्रभावी और सही तरीके से करेंगे। ऐसें ढीले पड़ने पर मैनेजमेंट पर सवाल उठेगा कि वो गड़़बड़ी को पकड़ने में नाकामायाब क्यों हुए और यहां ऐसा ही दिखाई दे रहा है।'
उन्होंने कहा, 'ऑडिटर्स क्या कर रहे थे? अगर बाहरी और आंतरिक दोनों ऑडिटर्स कुछ और कर रहे थे और इसे पकड़ने में नाकामयाब रहे तो मुझे लगता है कि सीए प्रोफेशनल्स को आत्मनीरीक्षण करना होगा। सुपरवाइज़री एजेंसीज़ को ज़रूर आत्मनीरीक्षण करना चाहिये ताकि एक अतिरिक्त व्यवस्था बनाई जा सके।'
When authority is given to the managements then you are expected to utilize authority effectively and in the right manner and therefore question for management is if they were found lacking, on the face of it seems they were: FM Arun Jaitley on banks pic.twitter.com/rwI7W38iaT
— ANI (@ANI) February 20, 2018
Also what were auditors doing? If both internal and external auditors have looked other way and failed to detect then I think CA professionals must introspect. Supervisory agencies also must introspect what are the additional mechanisms they have to put in place: FM Jaitley pic.twitter.com/8bW9JuzhiZ
— ANI (@ANI) February 20, 2018
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुपरवाइज़री एजेंसियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह के मामलों को शुरुआती दौर में ही खत्म कर देना चाहिये और दोबारा इस तरह की घटना न हो ये भी सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही उन्हें ये विचार और समीक्षा करनी होगी कि किस तरह के सिस्टम को बनाया जाए जिससे इस तरह की गड़बड़ियों को पकड़ा जा सके।
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उन्होंने पीएनबी और नीरव मोदी का नाम लिये बगैर कहा कि बैंक मैनेजमेंट की जो जिम्मेदारी था वो उसे निभा नहीं पाए और साथ ही वो इसका पता लगाने में असफल रहे कि उनमें से कौन था जो गलत था।
जेटली ने कहा कि देश में करदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अभी देश में कई ऐसे लोग हैं जो टैक्स नहीं दे रहे हैं।
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