logo-image

इधर पीएम मोदी ने किया स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी का अनावरण, उधर कांग्रेस ने सरदार पटेल के बयानों के साथ दागे कई सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर दुनिया की सबसे ऊंची उनकी भव्‍य मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान उन्‍होंने कांग्रेस पर देश के महापुरुषों की विरासत को भुलाने का आरोप लगाया, वहीं अब कांग्रेस ने इसी बहाने बीजेपी और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे हैं.

Updated on: 31 Oct 2018, 12:47 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर दुनिया की सबसे ऊंची उनकी भव्‍य मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान उन्‍होंने कांग्रेस पर देश के महापुरुषों की विरासत को भुलाने का आरोप लगाया, वहीं अब कांग्रेस ने इसी बहाने बीजेपी और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे हैं. पार्टी प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर सवाल पूछे. सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘सरदार पटेल की विचारधारा देश की एकता, धर्मनिरपेक्षता व सद्भाव के उनके अखंडनीय सिद्धांत राष्ट्र की आत्मा पर अंकित है. सरदार पटेल को प्रतिमाओं से नहीं, उनके एकीकृत भारत निर्माण के प्रतिमानों के लिए याद किया जाएगा.’ इसके बाद उन्‍होंने ट्वीट किया:

मोदी जी, सरदार पटेल के प्रति आपके छद्म भाव को लेकर देश कुछ यक्ष प्रश्नों के उत्तर चाहता है-

1. क्या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के चलते सरदार पटेल ने 4 फ़रवरी 1948 को आपके पितृ संगठन-RSS पर प्रतिबंध नहीं लगाया था? क्या कम से कम आज तो आप प्रायश्चित करेंगे?

2. क्या 11 सितंबर 1948 को सरदार पटेल ने भाजपा के पितृ संघठन -RSS के मुखिया, गोलवलकर को पत्र लिखकर यह नहीं बताया कि - “गाँधीजी की हत्या पर RSS के लोगों ने मिठाई बाँट खुशियाँ क्यों मनाई”?

3. मोदी जी, क्या आपके पितृ संगठन-RSS की विचारधारा को सरदार पटेल ने बापू की हत्या के लिए ज़िम्मेदार नहीं माना ?

4. क्या आपके आदर्श श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथी सरदार पटेल और पंडित नेहरू को चौराहे पर फांसी पर नहीं लटकाना चाहते थे ?

5. 5 Feb 1948 को सरदार पटेल ने पं० नेहरू को पत्र लिखकर नहीं कहा-“हम पूरे जीवन एक उद्देश्य के कॉमरेड रहे हैं। देश के प्रति हमारा असीम प्यार हम दोनों को एक दूसरे से बाँधकर रखता है।इस तरह हम कांग्रेस व देश के लिए साथ काम कर पाते हैं” क्या इसी जोड़ी ने देश को प्रगति पथ पर नहीं चलाया?

अंत में उन्‍होंने एक कविता ट्वीट की :

समर शेष है,अभी मनुज भक्षी हुंकार रहे हैं
गांधी का पी रुधिर जवाहर पर फुंकार रहे हैं
समर शेष है,अहंकार इनका हरना बाकी है
वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है
समर शेष है,शपथ धर्म की लाना है वह काल
विचरें अभय देश में गाँधी और जवाहर लाल